आलम ज़ैदी, न्यूजलाईन नेटवर्क, अम्बेडकरनगर
सामाजिक रीतियों और अनावश्यक परंपराओं को समाप्त कर एक नए, शिक्षित, और प्रगतिशील समाज के निर्माण की दिशा में “बेजा रस्में मिटाओं, राहत पाओ” शीर्षक से एक महत्वपूर्ण पद यात्रा का आयोजन हुआ है। यह कार्यक्रम समाज में शिक्षा, व्यापार, और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक संगठित प्रयास है।
बेजा रस्में: हमारी प्रगति में बाधा
हमारे समाज में कई ऐसी परंपराएं और रस्में प्रचलित हैं जो न केवल संसाधनों की बर्बादी करती हैं, बल्कि समाज के एक बड़े वर्ग के लिए आर्थिक और मानसिक बोझ भी बन जाती हैं। शादी, जन्म और मृत्यु जैसे अवसरों पर दिखावे और अनावश्यक खर्च के नाम पर कई परिवार कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं।
मोहम्मद एबाद द्वारा आयोजित यह पद यात्रा समाज को इन कुरीतियों से राहत दिलाने और एक सकारात्मक परिवर्तन की ओर प्रेरित करने का प्रयास है। यह आयोजन विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं के लिए जागरूकता का संदेश लेकर है
शिक्षा, व्यापार और सामाजिक जागरूकता का महत्व
. शिक्षा (तालीमी बेदारी):
शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति की रीढ़ होती है। इस पद यात्रा के माध्यम से लोगों को यह समझाया गया कि शिक्षा केवल व्यक्तिगत विकास का ही नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की उन्नति का आधार है। शिक्षित समाज ही अनावश्यक परंपराओं और कुरीतियों के खिलाफ खड़ा हो सकता है।
- व्यापार (तिजारती बेदारी):
व्यापार और स्वावलंबन को बढ़ावा देना इस कार्यक्रम का एक और प्रमुख उद्देश्य है। यदि लोग आर्थिक रूप से सशक्त होंगे, तो वे अपनी और अपने परिवार की जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकेंगे। अनावश्यक खर्चों से बचने और बचत करने का संदेश भी इस पहल का हिस्सा है।
समाज में समानता, एकता और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना इस आयोजन का मुख्य लक्ष्य है। जागरूक समाज ही अपने विकास और प्रगति के लिए नई राहें खोल सकता है।
पद यात्रा: एकता और बदलाव का प्रतीक
इस पद यात्रा के आयोजन का उद्देश्य न केवल एक संदेश देना है, बल्कि लोगों को एकजुट करना भी है। पद यात्रा का मार्ग और आयोजन इस बात का प्रतीक होगा कि जब लोग मिलकर कदम उठाते हैं, तो कोई भी बदलाव संभव हो सकता है।
मोहम्मद एबाद समाज सुधार की पहल
मोहम्मद एबाद इस पहल के माध्यम से यह साबित कर रहे हैं कि नेतृत्व का असली मतलब समाज को सही दिशा में ले जाना है। उनका मानना है कि बदलाव के लिए शुरुआत स्वयं से होती है, और यही सोच इस आयोजन का आधार है।
आस-पास बदलाव देखना चाहते हैं, तो इस पद यात्रा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए। यह न केवल आपके विचारों को बल देगा, बल्कि आपके समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा।
समापन
“बेजा रस्में मिटाओं, राहत पाओ” केवल एक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक आंदोलन है जो समाज को जागरूकता, शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण की ओर ले जाने का प्रयास है। को इस पद यात्रा में शामिल होकर आप इस बदलाव का हिस्सा बन रहे हैं और समाज को एक नई दिशा देने में योगदान कर सकते हैं।
15 दिसम्बर की यात्रा कटघर कमाल, मछली गांव, दाऊदपुर, सम्मनपुर, पट्टी, बड़ेपुर, लखनिया, कटघर मूसा सहित दर्जनों गांव के लोगों का समर्थन सहयोग मिला
जिसमें मुख्यरूप से मौजूद रहे शाद सिद्दीकी, संदीप वर्मा, पप्पी यादव, आलोक यादव, मोहम्मद सईम, मंजूर अहमद, सोनू, किरदार मेंहदी, वकील खान, नौशाद, अब्दुल माबूद, अक्कन, अफसर, शबीह अब्बास, आलम ज़ैदी,