न्यूजलाइन नेटवर्क – चितरंगी संवाददाता – आदर्श तिवारी
चितरंगी/सिंगरौली। सिंगरौली राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों में 4डी (जन्मजात विकृति विकासात्मक विलंब, पौष्टिकता कमी और बाल्यावस्था रोग) की जांच आंगनवाड़ी और स्कूलों में की जाती है। आरबीएसके चिकित्सक इन बच्चों की नियमित जांच करते हैं और किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर उन्हें जिला चिकित्सालय शिशु रोग विशेषज्ञ के पास भेजते हैं। गंभीर मामलों में बच्चों को आयुष्मान भारत से चिन्हित अस्पतालों में भेजकर नि:शुल्क उपचार प्रदान किया जाता है।
सिंगरौली जिले के खुटार क्षेत्र के बैढ़न में रहने वाली 05 वर्षीय बच्ची जिसे दिल में छेद था और जो बार-बार सर्दी-जुकाम और वजन कम होने की समस्या से जूझ रही थी को इस कार्यक्रम के तहत विशेष मदद मिली। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और वे इलाज के लिए परेशान थे। डॉ. एन. के. जैन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देश पर बच्ची को मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के तहत मुंबई के एस.आर.सी.सी. चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल भेजा गया। वहां सफल ऑपरेशन के बाद बच्ची को नई जिंदगी मिली।
इसी तरह तीन अन्य बच्चों को भी गंभीर बीमारियों के लिए नि:शुल्क उपचार प्रदान किया गया।
सिंगरौली कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित एक समारोह में जिला कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला जी ने इन बच्चों के अभिभावकों को स्वास्थ्य प्रमाण पत्र वितरित किए। इस मौके पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेंद्र सिंह नागेश, अपर कलेक्टर अरविंद झा, पी. के. सेनगुप्ता, डी.ई.आई.एम. भारती डहेरिया और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम से जुड़े सभी ने यह माना कि आरबीएसके के प्रयासों से बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार आया है और उनकी खुशियां लौट आई हैं।