
न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट
सिंगरौली/मध्य प्रदेश। म.प्र. की सरकार भले ही गरीबो को उनका आशियाना देने की बात करती हो लेकिन सरकार द्वारा चलायी जा रही योजना सिंगरौली आते-आते भ्रष्टाचार में तब्दील हो जाती है। ऐसा ही एक मामला आज सिंगरौली कलेक्टर की जन सुनवाई में पहुंचा। जहां ग्रामीण ने फर्जी पट्टा से जुड़ा मामला उजागर किया। हालांकि कलेक्टर के जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर ने आये ग्रामीण को आश्वस्त किया है अगर गलत अथवा कूटरचित के माध्यम से पट्टा लिया गया होगा तो जरूर कार्यवाही होगी। शिकायत कर्ता राम प्रताप रजक ने जिला कलेक्टर के जनसुनवाई में पहुंच कर बताया कि रामकरण रजक जो की सिद्धीकला गांव का रहने वाला है।
जहां कूटरचित एवं गलत कागज तैयार कर के अपने ही गांव में 5 डिसमिल का पट्टा शासकीय ले लिया है। ग्रामीण ने बताया कि रामकरण के पास पहले से ही खजुरी गांव में कई एकड जमीन है साथ ही सिद्वीकला में भी जमीन है किन्तु राजस्व रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर के फर्जी तरीके से सरकार द्वारा दिये जा रहे भूमिहीन के पट्टे को अर्जित कर लिया है। शिकायत करने आये ग्रामीण ने बताया कि रामकरण रजक मूल रूप से खजुरी गांव का निवासी है। इसके पिता एवं बाबा के नाम से पहले भी जमीन राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। किन्तु यह अपने आप को भूमिहीन बता कर गलत तरीके से जमीन अर्जित कर लिया है। जिसका जांच कराकर निरस्त कराने की गुहार जिला प्रशासन से लगाई गयी है।