हत्यारोपी सलाउद्दीन खां दोषमुक्त, गवाहों ने घटना का नहीं किया समर्थन।

न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सोनभद्र/उत्तर प्रदेश। 20 वर्ष पूर्व कुल्हाड़ी से प्रहार कर हुए विरंजी देवी हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट सोनभद्र आबिद शमीम की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध न पाकर हत्यारोपी सलाउद्दीन खां को दोषमुक्त करार दिया। नामजद समेत अन्य हत्यारोपी पूर्व में ही बरी हो गए हैं। गवाहों ने घटना का समर्थन नहीं किया, जिसकी वजह से अभियोजन पक्ष दोषसिद्ध करने में विफल रहा।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक नाथूराम पुत्र लालता निवासी ग्राम पटवध टोला बैरिहवा, थाना चोपन, जिला सोनभद्र ने 24 मई 2005 को चोपन थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 23 मई 2005 को उसकी पत्नी विरंजी देवी की रात 12:00 बजे कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। 21 जनवरी 2006 को सीजेएम कोर्ट ने प्रसंज्ञान लेकर मामले को सेशन कोर्ट सुपुर्द कर दिया। कोर्ट ने सलाउद्दीन खां की उपस्थिति पर 19 सितंबर 2010 को आरोप तय किया था। चार गवाहों का साक्ष्य अंकित कराया गया, लेकिन गवाहों ने घटना का समर्थन नहीं किया।

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध न पाकर हत्यारोपी सलाउद्दीन खां को दोषमुक्त करार दिया। इस मामले में नामजद समेत अन्य आरोपी पूर्व में ही बरी हो गए हैं। बचाव पक्ष से अधिवक्ता आर एस चौधरी ने बहस की।

Leave a Reply

error: Content is protected !!