न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। जिला अस्पताल बैढ़न के चिकित्सकों की ओर से शुक्रवार को दूसरे दिन भी मांगों को लेकर सांकेतिक हड़ताल व प्रदर्शन जारी रहा। मांगों को लेकर विरोध स्वरूप चिकित्सकों ने अमानक दवाइयों की सांकेतिक होलिका जलाई है। इसके बाद सिविल सर्जन डॉ. देवेन्द्र सिंह को ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा के बारे में अवगत कराया है। चिकित्सकों ने कहा कि मांग पूरी होने तक घोषित आंदोलन के तहत उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। म.प्र. शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के आह्वान पर मेडिकल कॉलेज व जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों ने संयुक्त रूप में छह सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिन पहले गुरुवार को पांच दिवसीय आंदोलन शुरू किया है। पहले दिन की तरह चिकित्सकों ने दूसरे दिन शुक्रवार को भी सांकेतिक विरोध कर कार्य किया है।
जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉ. संतोष कुमार व डॉ. विशेष सिंह ने बताया कि दूसरे दिन के प्रदर्शन में उनकी ओर से जिला स्तर पर चिह्नित अमानक दवाइयों की सांकेतिक होली जलाई। बताया किमध्य चिकित्सकों का प्रदर्शन जारी रहेगा। आज दूसरे दिन प्रदर्शन में जिला अस्पताल के डॉ.यूके सिंह, डॉ. संदीप भगत, डॉ. कल्पना रवि, डॉ. बालेन्दु शाह, डॉ. राजेश वैश्य, डॉ. अतुल तोमर, डॉ. सरिता शाह सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे। चिकित्सको के ये हैं प्रमुख मांगे जानकारी के अनुसार चिकित्सकों ने अपनी मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। चिकित्सको की मांग को लेकर जल्द से जल्द एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए, चिकित्सा विभागों में प्रशासकीय अधिकारियों की दखलंदाजी तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए, चिकित्सा शिक्षकों को 7वें वेतनमान व विभागीय चिकित्सकों का मूल वेतन निर्धारित किया जाए, चिकित्सकों को स्वीकृत समयमान वेतनमान के आदेश का तय समयसीमा में क्रियान्वयन किया जाए, विभाग में डायरेक्टर जनरल पब्लिक हेल्थ व डायरेक्टर जनरल मेडिकल एजुकेशन पदों का सृजन हो एवं चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की सुरक्षा नेशनल टास्क फोर्स की रिपोर्ट को तत्काल लागू किया जाए।
सामूहिक उपवास कर आज करेंगे विरोध, आंदोलन की रूपरेखा के तहत चिकित्सकों की ओर से कल शनिवार को सामूहिक उपवास रखेंगे। इसके बाद विरोध प्रदर्शन करेंगे। सभी चिकित्सकों ने इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन को अवगत करा दिया है। इसके बाद 24 फरवरी को चिकित्सक बचाओ जन आंदोलन की शुरूआत करने के बाद से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। इस बीच यदि अस्पताल प्रबंधन की ओर से व्यवस्थाएं नहीं बनाई गई तो मरीजों को उपचार के लिए परेशान होना पड़ेगा।