न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। नगर निगम के सभागार में बजट सत्र को लेकर परिषद अध्यक्ष देवेश पांडे की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई थी। बैठक शुरू होते ही भाजपा एवं कांग्रेस के पार्षदों ने एमआईसी सदस्यों एवं महापौर के बैठक से नदारत रहने पर जमकर नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। अंतत: परिषद की बैठक को अध्यक्ष ने स्थगित कर दिया है। दरअसल सोमवार को नगर पालिक निगम अध्यक्ष देवेश पाण्डेय की अध्यक्षता में परिषद की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष बजट सत्र 2025-26 को प्रस्तुत किया जाना था। इसके अलावा अन्य कई नगरीय क्षेत्र से जुड़े अहम मुद्दो पर चर्चा की जानी थी। राष्ट्रगान गान के बाद जैसे ही परिषद के एजेंट को लेकर बात होने के लिए अध्यक्ष ने निर्देशित किया तो पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने परिषद की बैठक में एकजुट का परिचय देते हुए महापौर आयुक्त और एमआईसी सदस्यों को घेरने लगे।
पार्षद भारतेंदु पाण्डेय ने कहा कि कमिश्रर जो एजेंट देंगे उसे पर विचार होना चाहिए। लेकिन महापौर अपने हिसाब से एजेंडा बनाती हैं। अधिकारियों को परेशान किया जाता है। ढाई साल का कार्यकाल समाप्ति की ओर है। लेकिन एक भी एमआईसी के तहत शहर में विकास नही दिखाई दे रहा है। परिषद के लिए स्टे लेने गई है। महापौर विकास में रोड़ा बन रही है। फाइलों पर दस्तक नही हो रहे हैं। शहर का विकास रुक रहा है। आगे कहा कि एक सप्ताह में एमआईसी की बैठक महापौर करती है। क्या निर्णय लेती है? इसकी जानकारी आनी चाहिए। लेकिन एमआईसी में क्या हो रहा है? किसी को पता नही। उन्होंने आगे कहा कि एमआईसी और महापौर परिषद की बैठक में नही आई हैं। ऐसे में नींदा प्रस्ताव आना चाहिए।
वही वार्ड क्रमांक 09 के पार्षद शेखर सिंह ने कहा कि लगता है कि महापौर परिषद से ऊपर चली गई है। 27 फरवरी को परिषद की बैठक होनी चाहिए थी लेकिन 03 मार्च को परिषद की बैठक हो रही है। वहीं पार्षद परमेश्वर पटेल ने कहा कि अधिकारी फाइल रोकते हैं या महापौर। परिषद बुलाने में 02 माह लग गए। पार्षदों ने एकजुट होकर कहा कि जब तक निंदा प्रस्ताव नहीं आएगा तब तक परिषद की बैठक नहीं चलेगी। परिषद हाल में पार्षदों ने जमीन पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। अतंत: परिषद सभापति ने आगामी दिनों तक के लिए बैठक स्थगित कर दिया। इधर पार्षदों में इस बात की चर्चा है कि परिषद एवं मेयर के बीच लड़ाई अब खुल कर सामने आ गई है। आगामी दिनों में यह लड़ाई सड़क पर भी दिखई दे सकती है।
बैठक में व्यवसाई प्लाजा पर चर्चा होनी चाहिए —- देवेश पाण्डेय
नगर निगम अध्यक्ष देवेश पाण्डेय ने कहा कि परिषद की बैठक में मेयर और एमआईसी के सदस्य बैठक में नहीं पहुंचे। साथ ही आयुक्त भी बाहर हैं। सभी पार्षदों ने एक स्वर में विरोध जताते हुए कहा कि परिषद की बैठक दो माह में एक बार होनी चाहिए। पार्षदों का अधिकार हैं और उनकी ओर से की गई मांग पर 02 जनवरी को आयुक्त से पत्राचार किया था कि बैठक बुलाई जाए। लेकिन बैठक की तिथि तय करने में दो माह का वक्त लगा दिया गया। नियम के मुताबिक परिषद की बैठक को लेकर दस दिन पहले अधिसूचना जारी होना चाहिए था। किन्तु काफी देर से जानकारी मिली कि महापौर बाहर जाएंगी। हालांकि ऐसी स्थिति में एमआइसी के सदस्य प्रतिनिधि के तौर पर बैठक में उपस्थित हो सकते थे। जबकि परिषद की बैठक समय पर संचालित होनी चाहिए। ताकि उसके एजेंडा में शामिल विकास कार्य समय पर पूरा हो सके। प्लाजा को सील किया गया है मगर अभी तक व्यापारियों को दुकानें उपलब्ध नहीं हो पाई। इसका समाधान भी तो परिषद में ही होगा।