एनसीएल के विस्थापन नीति के विरुद्ध लामबंद हुई महिलाएं, एनसीएल मुख्यालय पर पहुँचकर किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन।

न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। एनसीएल के जयंत एवं दुधीचुआ परियोजना के विस्तार को लेकर चल रहे भूमि अर्जन की प्रक्रिया में बीते दिन एनसीएल द्वारा जारी बुकलेट में शासकीय भूमि पर बसे लोगों को उपेक्षित करने पर एनसीएल की भेदभाव नीति के विरोध में बुधवार को आधा सैकड़ा महिलाओं ने एनसीएल मुख्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया। यह सभी महिलाएं अध्यक्ष प्रबंधक निदेशक बी साईंराम से मिलने पर अड़ी रही। परंतु सीएमडी के जिले से बाहर होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने एनसीएल प्रबंधन के राजस्व अधिकारियों के साथ वार्ता कर अपना ज्ञापन सौंपा। एनसीएल अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं को बताते हुए आस्वस्त किया कि एनसीएल द्वारा जारी बुकलेट अभी फाइनल नही है। बुकलेट में संशोधन करते हुए सभी वर्गों की बात को ध्यान में रखा जाएगा। महिलाओं द्वारा एनसीएल सीएमडी के नाम सौंपे गये ज्ञापन में बताया गया है कि शासकीय भूमि/वन भूमि/ एग्रीमेंट की भूमि पर घर बनाकर निवसरत परियोजना प्रभावित परिवारो को भी उचित प्रतिकर विस्थापन पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन लाभ दिलाए जाने व प्रमाणित बुकलेट के माध्य से इसकी जानकारी साझा किए जाने की मांग की गई है। अभी जारी बुकलेट में शासकीय भूमि, वन भूमि, अनुबंध की भूमि पर बिना किसी धारणाधिकार के घर बनाकर निवासरत परियोजना प्रभावित परिवारो को समावेशित नही गया है।
जबकि परियोजना प्रभावित परिवार पिछले कई वर्षो से शासकीय जमीनों कपर मकान बनाकर और मेहनत मजदूरी नौकरी या छोटे मोटे काम धंधे करे अपनी आजीविका कचला रहे है। हम लोग ने अपने पूरे जीवन भर की कमाई अपना आशियाना बनाने में लगा दी है। जयंत एवं दुधीचुआ परियोजनाओं के विस्तार में हमारे आवसी भवनो का भी अधिग्रहण हो रहा किंतु इस बुकलेट मं ऐसे कुटफम्बो को मिलने वाले प्रतिकर विस्थापन पुनर्वास एवं पुर्व्यस्थापन लाभ को समावेश नही किया गया है। आरएण्डआर पालिसी 2012 मध्य प्रदेश आदर्श पुनर्वास नीति 2002 एवंत माम राज्यों की पुनर्वास नीतियों में विस्थापित कुटुम्ब की परिभाषमें ऐसे कुटुंबो को समाहित किया गया है व उनको मिलने वाले प्रतिकर तथा पुनर्वास एवं पुनर्व्यस्थापन लाभो का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। इस मौके पर मुख्य रूप से राजेश गुप्ता, रंजीत ठाकुर, उषा साहू, करूणा विश्वकर्मा मौजूद रही।

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