ओवर लोड गीडीयो से प्रति टन 3000 रुपये लेते है काटा बाबू

न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट
सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। बिजली उत्पादन करने के लिए एनसीएल की परियोजनाओं से कई कंपनी कोयला ले रही हैं। यह जानकर हैरानी होगी कि एनसीएल की खदानों से कोयला लेकर जाने वाले वाहन कमीशन के खेल में ओवरलोड हो रहे हैं। बाहनों के ओवरलोड होने का नतीजा यह कि एक ओर वहां कोयला कंपनी को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं एनजीटी के आदेश की धज्जियां उड़ रही हैं।
सूत्र बताते है कि यह खेल कोयला कंपनी के अधिकारियों, ट्रांसपोर्टरों, व पुलिस के बीच सेटिंग से बल रहा है। एनसीएल की परियोजनाओं से कोयला परिवहन कर रहे वाहनों के लिए निर्धारित क्षमता तय किया गया है। ताकि वाहन ओवरलोड कोयला भरकर परिवहन न करें, लेकिन हकीकत यह है कि 35 टन की क्षमता वाले वाहन में 45 टन से अधिक कोयला भरा जा रहा है। यहां एनसीएल व प्रशासन की सांठगांठ से ओवरलोड का खेल चल रहा है। कमीशन के आगे सारे नियम कायदे बौने साबित हो रहे हैं। इसकी जानकारी एनसीएल के अधिकारियों व जिला प्रशासन को होने के बावजूद इस पर रोक नहीं लग पाना इन अधिकारियों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
जबकि कोल परिवहन करते ओवरलोड वाहन कई लोगों की जिंदगी ले चुके हैं। हैरत की बात तो यह है कि परियोजनाओं में कोयला भरने जा रहे चाहन कभी कभी बिना पास आसानी से अंदर प्रवेश कर लेते हैं और फिर वहां से ओवरलोड कोयला लेकर उसी रास्ते से बाहर निकलते हैं। यहां गेट पर एनसीएल की सिक्योरिटी तैनात रहती है। सूत्रों ने बताया कि कोल ट्रांसपोर्टर बिना पासिंग वाहन की अंदर प्रवेश कराकर कोयला लेकर जाने के एवज में सिक्योरिटी इंचार्ज को कमीशन देते हैं। जिससे इन्हें छूट दे दी जाती है।
पुलिस को पहुंचता है कमीशन:- नाम नहीं छापने के शर्त पर ट्रांसपोर्टर ने बताया कि चौकी पुलिस को प्रत्येक महीने कमीशन के एवज में एक ट्रांसपोर्टर की ओर से लाखों रुपए दिया जाता है। यही वजह है कि चौकी पुलिस इन ओवरलोड वाहनों को नजर अंदाज कर देती है। भले ही दुर्घटनाएं घटित होने पर पुलिस को परेशानियों का सामना पड़े। इसका कोई फर्क नहीं पड़ता।
कांटा पर होता है बड़ा खेल:- सूत्रों के मुताधिक, जब कोयला भरकर ट्रेलर बाहन तौल कराने के लिए कांटा पर जाते हैं। वहां निर्धारित क्षमता से एक टन अधिक होने पर तीन हजार रुपए कांटा पर तैनात एनसीएल कर्मचारी को दिया जाता है। इसी तरह एक बाहन में पांच टन ओवरलोड है। तो उसके एवज में 15 हजार रुपए कमीशन दिया जा रहा है। एनसीएल से कोयला ले रही संबंधित कंपनी कांटा पर अपने एक कर्मचारी को तैनात रखती है।
कंपनियां यहां से ले रही कोयला:- एनसीएल अधिकारियों के मुताबिक एनसीएल की दस परियोजनाएं संचालित हैं। जिसमें जयंत परियोजना, दुद्धीचुआ परियोजना, निगाही, अमलोरी, शिंगुरदा, बी ब्लाक, खडिया, ककरी, बीना, कृष्णशीला शामिल है। यहां परियोजनाओं से अन्य कंपनियां कोयला ले रही हैं। जयंत परियोजना में चार कांटा, निगाही में दो कांटा सहित अन्य परियोजनाओं में भी तौल करने के लिए कांटा लगा है। यहां ओवरलोड बाहनों में निर्धारित भार दिखाया जाता है। मतलब, सच कुछ साही चल रहा है।