सिंगरौली में बढ़ता अवैध अतिक्रमणः NCL अधिकारियों और दलालों की मिलीभगत से जनता गुमराह।

न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश का सिंगरौली जिला इन दिनों अवैध अतिक्रमण की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। जयंत क्षेत्र में एनसीएल (नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की जमीन पर लगातार अवैध कब्जे बढ़ रहे हैं, और चौंकाने वाली बात यह है कि इस अतिक्रमण के पीछे खुद कुछ एनसीएल अधिकारियों, कर्मचारियों और दलालों की मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं।
स्थानीय सूत्रों की मानें तो अतिक्रमण करने वालों से मोटी रकम लेकर उन्हें झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं कि यह जमीन उनके नाम हो जाएगी या यहां उनके मकान सुरक्षित रहेंगे। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। एनसीएल की जमीन पर अतिक्रमण गैरकानूनी है और प्रशासन कभी भी इन निर्माणों को ध्वस्त करने का आदेश जारी कर सकता है। इसके बावजूद दलालों और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से भोली-भाली जनता को गुमराह कर अतिक्रमण करने के लिए उकसाया जा रहा है।
NCL की दोहरी नीतिः एक तरफ बेघर, दूसरी ओर अतिक्रमण को बढ़ावा:- सिंगरौली के मोरवा क्षेत्र में जहां एनसीएल गरीब और असहाय लोगों को उनके घरों से उजाड़ रही है, वहीं दूसरी ओर जयंत में अवैध अतिक्रमण को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत कुछ अधिकारी अपने निजी फायदे के लिए लोगों से मोटी रकम वसूल का भी आरोप लग रहे हैं और उन्हें एनसीएल की जमीन पर अवैध निर्माण करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यहां के कई स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब वे एनसीएल अधिकारियों से इस संबंध में बात करने जाते हैं, तो उन्हें यह कहकर भगा दिया जाता है कि यह मामला उच्च स्तर पर विचाराधीन है। लेकिन अंदरखाने कुछ अधिकारी और दलाल बड़ी चालाकी से पैसे वसूल कर गरीब जनता को अंधेरे में रख रहे हैं।
कभी भी गिर सकती है गाज:- जानकारों की मानें तो एनसीएल प्रशासन जब चाहे तब अतिक्रमण हटाने के लिए सख्त कार्रवाई कर सकता है। हालाकि, सवाल यह उठता है कि अगर यह जमीन एनसीएल की है और यहां अतिक्रमण अवैध है, तो फिर इसे होने क्यों दिया जा रहा है? क्या प्रशासन की आंखों के सामने यह सब हो रहा है या फिर किसी दबाव के कारण अधिकारी इस पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं? अगर भविष्य में एनसीएल प्रशासन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करता है, तो इसका सबसे बड़ा नुकसान उन्हीं लोगों को होगा। जो दलालों और अधिकारियों की चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर अपनी सारी कमाई इस जमीन पर मकान बनाने में लगा रहे हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर उठते सवाल:- स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन और एनसीएल अधिकारियों से मांग की है कि वे इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो आने वाले समय में इस तरह की अवैध गतिविधियां और भी बढ़ सकती हैं, जिससे ना सिर्फ सरकारी संपत्ति का नुकसान होगा, बल्कि आम जनता का भी भारी आर्थिक नुकसान होगा। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाता है या फिर यह पूरा मामला यूं ही दबा दिया जाता है। लेकिन अगर यह खेल यूं ही चलता रहा, तो सिंगरौली में अतिक्रमण का ग्राफ लगातार बढ़ता रहेगा और कई परिवारों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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