न्यूजलाइन नेटवर्क – चितरंगी संवाददाता – आदर्श तिवारी

चितरंगी/सिंगरौली। सिंगरौली आचार्य अशोक तिवारी ने बताया कि इस बार भी होलिका दहन पर भद्रा काल का प्रभाव रहेगा। हिंदू धर्म में होली का विशेष महत्व है और फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन का उत्सव मनाया जाता है, जो कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसके अगले दिन रंगोत्सव होली का पर्व मनाया जाता है। आचार्य अशोक तिवारी ने पंचांग का हवाला देते हुए कहा कि इस बार फाल्गुन मास की पूर्णिमा के साथ भद्रा काल भी रहेगा। भद्रा काल के दौरान किए गए कार्यों का शुभ फल नहीं मिलता, इसलिए इस समय शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से बचने की सलाह दी जाती है।
होलिका दहन 13 मार्च, गुरुवार को सुबह 10:11 बजे शुरू होगा और भद्रा भी उसी समय से प्रारंभ होगी। भद्रा काल गुरुवार की रात 10:37 बजे तक रहेगा। होलिका दहन का पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि विधिपूर्वक और नियमों के साथ होलिका दहन करने से समस्त परेशानियां अग्नि में समाहित हो जाती हैं और परिवार में सुख-शांति का वास होता है। आचार्य ने यह भी बताया कि इस पर्व को सही रीति से मनाना चाहिए, ताकि यह सभी के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डाले।