न्यूजलाइन नेटवर्क – चितरंगी संवाददाता- आदर्श तिवारी

चितरंगी/सिंगरौली। सिंगरौली जिले के जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक गर्भवती महिला को इलाज के लिए लगभग 03 घंटे तक इंतजार करना पड़ा, लेकिन डॉक्टर्स अस्पताल में मौजूद नहीं थे। होली के पर्व के दौरान अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों की लापरवाही ने एक जीवन को संकट में डाल दिया। महिला के परिजनों द्वारा लगातार डॉक्टर को खोजने और इंतजार करने के बावजूद, कोई भी मदद समय पर नहीं पहुंची। अंततः, महिला के परिजनों ने निजी अस्पताल का रुख किया और आनन-फानन में इलाज शुरू कराया। इस घटना से यह सवाल उठता है कि जब सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर जिले में सबसे बड़े ट्रामा सेंटर को खोलने का प्रयास कर रही है, तो अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से नागरिकों को इन सुविधाओं का लाभ क्यों नहीं मिल रहा? सीएमएचओ एन के जैन ने भी इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
स्थानीय विधायक और सांसद भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। रंगों की मस्ती में डूबे जनप्रतिनिधि और प्रशासन, जिनका दायित्व जनता की सेवा करना है, इस मुद्दे पर पूरी तरह से असंवेदनशील रहे। सिंगरौली के विधायक, जो अस्पताल से महज 01 किलोमीटर दूर रहते हैं, कभी भी अस्पताल का निरीक्षण करना जरूरी नहीं समझते। चुनावों में जनता को प्रलोभन देने वाले नेता, चुनाव जीतने के बाद जनता के हालात पर ध्यान नहीं देते। अस्पताल में महिला स्वास्थ्य सेवा के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों की नदारदी के कारण, महिला को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल का सहारा लेना पड़ा। यह घटना इस बात को उजागर करती है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता है और प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को अपने दायित्वों को समझना होगा। यह मामला सिर्फ एक महिला के इलाज का नहीं, बल्कि पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था का सवाल है।