न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। सिंगरौली जिले में मोरवा के कई वार्ड एनसीएल के दुद्धीचुआ एवं जयंत परियोजना द्वारा अधिग्रहण किया जा रहे हैं। लेकिन अभी तक एनसीएल द्वारा विस्थापन नीति को स्पष्ट नहीं किया गया है। विगत दिनों एनसीएल प्रबंधन द्वारा एक बुकलेट जारी करते हुए सरकारी भूमि, वन भूमि, एग्रीमेंट भूमि पर निवासरथ परिवारों को प्रभावित की श्रेणी में जोड़ने का जिक्र किया गया था, जिसे लेकर पूर्व विधायक राम लल्लू वैश्य के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अमित तिवारी समेत विस्थापितों ने एनसीएल सीएमडी से मुलाक़ात कर सरकारी भूमि/वन भूमि/ एग्रीमेंट की भूमि पर घर बनाकर वर्षों से निवासरत लोगों को भी विस्थापित की श्रेणी में समाहित कर उन्हें उचित मुआवजा देने की माँग करते हुए ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में विस्थापितों के हितों में कई अन्य मांगे भी की गई थी।
इसके बाद गुरुवार को कई विस्थापित पूर्व विधायक राम लल्लू वैश्य के निज निवास पहुंचे, जहां उन्होंने पूर्व विधायक से विस्थापितों के हित में की गई मांगों को लेकर सहयोग मंगा। लोगों ने पूर्व विधायक से बात करते हुए कहा कि कुछ दिन पूर्व भी क्षेत्रीय पार्षदों ने एनसीएल मुख्यालय पहुँचकर विस्थापन प्रक्रिया में विस्थापितों के हितों की अनदेखी पर नाराजगी व्यक्त की थी। पूर्व विधायक से मुलाकात के दौरान सभी ने उनके नेतृत्व में सरकारी भूमि, वन भूमि व एग्रीमेंट की भूमि में बनाए गए मकान के मुआवजे के लिए के लड़ाई लड़ने का आहवान किया। गौरतलब है कि वर्तमान में जारी बुकलेट में शासकीय भूमि, वन भूमि, अनुबंध की भूमि पर बिना किसी धारणाधिकार के घर बनाकर निवासरत परियोजना प्रभावित परिवारो को समावेशित नही गया है। मोरवा में बड़ी आबादी पिछले कई वर्षाे से शासकीय जमीनों पर मकान बनाकर कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। इससे मोरवा की बड़ी आबादी में रोष व्याप्त है। पूर्व विधायक राम लल्लू वैश्य के आवास पर मुख्य रूप से शिवानी शाह, उषा साहू, सीता सोनी, सरिता शर्मा, तुलसीदास विश्वकर्मा, के एन सिंह, जग प्रसाद वैश्य, रंजीत शर्मा, पंकज गुप्ता मौजूद रहे।