न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। बैढ़न उप वन मंडल क्षेत्र के उर्ती और बरहपान के जंगल में भयानक आग ने तांडव मचाया और करीब पांच घंटे में जंगल का एक बड़ा हिस्सा अपनी चपेट में लेकर राख कर दिया। वन परिक्षेत्र के जंगल में आग ने प्रचंड रूप लिया और लाखों की वन संपदा को राख कर दिया। जंगल में आग पर काबू पाना अब मुश्किल है। आग लगने का कारण कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नही बता पा रहे हैं। वहीं मौके पर मौजूद ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की टीम जंगल में आग को बुझाने की कोशिश तो किए हैं, लेकिन काबू पाना मुश्किल हो गया था। हालांकि इस दौरान गोभा चौकी पुलिस व स्थानीय ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया। वहीं डर का कारण यह है कि कहीं जंगल की आग हवा चलने पर बस्तियों तक न पहुंच जाए। प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों की माने तो जंगल में कटे हुए पेड़ों के तने जो पूरी तरह से सूखे हैं। जिससे उनमें आसानी से आग पकड़ ले रही है। लोगों का कहना है कि पहले गर्मियों का मौसम शुरू होने से पहले ही वन विभाग आग के लिए इंतजाम करता था। जिसके तहत विभाग की ओर से जंगल में पेड़ों से गिरे सूखे पत्ते हटाकर इस प्रकार सफाई कराई जाती थी। ताकि आग की घटना हो भी तो आग जंगल में फैलने से बच सके। लेकिन लाइन कटाई नहीं होने के कारण जंगल आग में ज्यादा तबाह हो रहे हैं।
विभाग में नहीं है आग बुझाने का संसाधन:- जंगलों में लगी आग बुझाने के लिए वन विभाग के पास कोई आधुनिक संसाधन नहीं हैं। यहां पर पुराने जुगाढ़ सिस्टम से ही आग पर काबू पाने का प्रयास किया जाता है। आग लगने पर वन कर्मी हरे पेंड़ों की डाली तोड़कर उसे एक जगह बांध लेते हैं। इसी से वन कर्मी आग पर काबू पाते हैं। इसके अलावा जंगल में आग लगने पर फायर बिग्रेड वाहन नहीं पहुंचती है। जिससे आग पूरी तरह से जंगल को अपने आगोश में ले लेती है। हैरान करने वाली बात यह है कि जंगलों में लगातार आग लगने की घटना घटित हो रही है। जिम्मेदार अंजान बनकर बैठे हैं।
जंगली जानवर हो रहे तबाह:- आग पर नियंत्रण नहीं पाने की वजह से जंगली जानवर तबाह होने की कगार पर पहुंच गए हैं। हाल ही में चितरंगी क्षेत्र में आगजनी की घटना में जंगली जानवरों को भयभीत कर दिया है। जिले के कई क्षेत्रों में धधक-धधक कर जल रहे जंगलों के कारण चारों और काला धुंआ फैला है। जिसके बीच लोगों का सांस लेना भी दूभर हो गया है। आग लगने सेे वन संपदा के साथ ही जंगली जानवर तबाह हो रहे हैं। जिले के कई स्थानों पर जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। तापमान में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के कारण जंगलों के धधकने का सिलसिला भी तेज हो गया है।