लालटेन व घड़ा लेकर परिषद की बैठक में पहुंचे पार्षद, महापौर को घेरा।

न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। नगर पालिक निगम सिंगरौली की परिषद बैठक गुरूवार को परिषद अध्यक्ष देवेश पाण्डेय की अध्यक्षता में प्रारंभ हुई। शुरूआत में ही पार्षदों ने पिछली परिषद को शून्य क्यों किया गया? इस बात को लेकर महापौर को घेरने लगे। जहां लालटेन व घड़ा लेकर कॉंग्रेस के पार्षद विरोध जताया और सिविंग सेन्टर के भुगतान का मुद्दा उछाला गया। अध्यक्ष ने कहा क्या महापौर को ऐजंडा काटने का अधिकार है। काफी हंगामे के बाद दो बार परिषद की बैठक स्थगित की गई। परिषद की बैठक राष्टगान से प्रारंभ की गई। जहां राष्टगान के बाद प्रश्रोत्तरी प्रारंभ होने के पूर्व ही पार्षद परमेश्वर पटेल ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर नगर निगम गेट पर ताला बन्द करना पड़ा। कोई सुनवाई नही हो रही है। वार्ड में समस्याएं बनी हुई हैं और एमआईसी मेम्बर न्यायालय जा रहे हैं। महापौर झूठ बोल रही हैं। कहा से विकास होगा। वही शेखर सिंह ने कहा कि कागजों की जुगलबन्दी में नगर निगम उलझा हुआ है। परिषद की बैठक होने नही पा रही है। तीन-तीन महीने बीत रहे हैं। जनता हमे चुनी है, जवाब तो जनता को हमे देना पड़ रहा है।
वही पार्षद भारतेन्दु पाण्डेय ने परिषद की बैठक में कहा कि छ: माह बीत गया है। सिविंग सेन्टर का भुगतान नही हो पा रहा है। पिछली परिषद बैठक क्यों शून्य की गई। इसका जवाब महापौर और एमआईसी दे। जबतक एमआईसी या महापौर जवाब नही देंगी, तब तक परिषद नही चलेगी। वही पार्षद सीमा जायसवाल ने महापौर को घेरते हुये कहा कि पहले महापौर हम सभी पार्षदों को संतुष्ट करे कि पिछली परिषद को स्थगित कराने के लिए षड्यंत्र क्यों रचा। जब फाईल 18 फरवरी को आयुक्त को दी गई तो फिर महापौर 13 फरवरी की बात क्यों कर रही हैं। परिषद की बैठक को रोकने का प्रयास महापौर कर रही थी। आखिर क्यों कर रही थी या फिर सिंगरौली का विकास को रोकने का प्रयास कर रही थी। आयुक्त के जवाब में महापौर को कटघर्रे में खड़ा कर दिया। आयुक्त ने जवाब में कहा कि परिषद के लिए 13 एजेंडे आये थे। जिसमें से महापौर ने 3 को काट दिया था। जबकि उनका अधिकार नही है। वही 01 अप्रैल तक के लिए परिषद की बैठक स्थगित कर दी गई है। जहां 01 अप्रैल को 11:00 बजे परिषद की बैठक आहुत की जाएगी।
महापौर को अध्यक्ष ने कहा ठेकेदारी की फाईल नही, एजेंडा है पहली मर्तबा परिषद अध्यक्ष देवेश पाण्डेय भी महापौर के रवैये से खफा नजर आयें। अध्यक्ष ने भी महापौर को इस कदर घेरा कि महापौर जवाब देने हिचकिचाने लगी। अध्यक्ष देवेश पाण्डेय ने महापौर रानी अग्रवाल से कहा कि शहर के विकास के लिए एजेंडा बनाया जाता है। यह कोई ठेकेदार की फाईल नही है कि अपने मन से आप काट दें। आप को एजेंडा काटने का अधिकार नही है। न ही संसोधन करने का अधिकार है। आयुक्त एजेंडा तैयार करता है और परिषद अध्यक्ष तिथि नियत करता है। यही प्रावधान है। लेकिन महापौर को परिषद बैठक तय करने का अधिकार नही है। जब महापौर 13 फरवरी को फाईल दी हैं तो परिषद को 18 फरवरी को कैसे मिल रही है। इसी बात को लेकर महापौर को घेरा गया। जहां अध्यक्ष ने कहा ऐसी विसंगति क्यों आ रही है। ऐसे में तो शहर का विकास रूक जाएगा।
कौन है आकांक्षा जो पार्षदों को देती है गाली:- परिषद बैठक में पार्षद सीमा जायसवाल ने कहा कि महापौर के पास एक लड़की आकांक्षा रहती है। उसका पेमेंट नगर निगम से होता है। आखिर वह कौन है, जिसके लिए नगर निगम पेमेंट कर रहा है। यह लड़की पार्षदों को अभद्र गाली देती है। सीमा जायसवाल ने कहा कि अगर महापौर के मर्जी से निगम और परिषद चलेगा तो मैं नही चलने दूंगी। यही वजह रही कि आज नगर निगम परिषद बैठक में हंगामे के चलते दो बार परिषद अध्यक्ष को बैठक को स्थगित करना पड़ा। वही लंच के लिए भोजन व्यवस्था में काफी हिलाहवाली की गई थी। लगभग डेढ़ से दो घंटे लेट लतीफी के चलते पार्षदों में काफी आक्रोश देखा गया।
कॉंग्रेस ने दिखाया लालटेन व घड़ा:- परिषद की बैठक में पार्षद अखिलेश सिंह ने परिषद की बैठक शुरू होते ही अपने सवाल अध्यक्ष के समक्ष रखा। कहा कि एजेंडे में हमारे वार्ड में बिजली व पानी की समस्या को नही रखा गया है। जब तक मेरे सवालों का जवाब नही मिलेगा, तब तक परिषद की बैठक नही चलने दूंगा। अपना विरोध जताते हुये परिषद शुरूआत के दौरान ही अखिलेश सिंह लालटेन लेकर पहुंचे। जहां अध्यक्ष सहित सभी को लालटेन दिखाया और कहा कि नगर निगम में अंधेरगर्दी चल रही है। महापौर की मनमानी है। एक्ट अधिनियम की जानकारी नही हैं। वही परिषद में ही घड़ा लेकर कांग्रेस के कई पार्षद पहुंचे और जमीन पर बैठ कर विरोध प्रदर्शन करने लगे। जहां महापौर के रवैया से खफा रहे। कहा कि परिषद को रोकने का प्रयास किया गया है। जो घोर निंदनीय है। सिंगरौली के विकास में महापौर बाधा बन रही हैं।

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