ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने भरी हुंकार, पत्रकारिता धर्म आधारित नहीं अपितु समाज, साहित्य संविधान और मानवता आधारित हो —- कमाल अहमद

बर्दाश्त नहीं अराजकता, उत्पीड़न — डॉ परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव “पुष्कर”

ब्यूरो रिपोर्ट

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश। ओबरा ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के संगठनात्मक क्रियाकलापों को और अधिक तेज तथा प्रभावी बनाने तथा नव ऊर्जा प्रदान करने के लिए शुक्रवार को दो चरणीय बैठक ओबरा स्थित किड्स केयर स्कूल के सभागार में आयोजित हुआ।
बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र नीरव ने सामयिक और बुनियादी विसंगतियों पर फोकस करते हुए निर्भीक पत्रकारिता का आह्वान किया। जिला अध्यक्ष डॉ. परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव “पुष्कर” ने कहा कि गांव-गांव, ब्लॉक, तहसील, विधान सभाओं तक मुहिम चलाना होगा ताकि न्याय से कोई वंचित न रहे। उन्होंने संगठन की मजबूती पर बल देते हुए बैठक के दौरान दर्जनों पत्रकार को संगठन की सदस्यता दिलाई। समारोह का संचालन कर रहे पूर्व जिला अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार, अधिवक्ता सुधाकर मिश्रा ने कहा कि ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन कल भी आम जनों की समस्या मूलभूत आवश्यकताओं, या उत्पीड़न, चाहे आमजनों का हो या पत्रकारों का, सदैव अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर आन्दोलनात्मक तौर पर या कलम की धार पर बेबाकी से आवाज उठाता रहा है। मंचासीन वरिष्ठ पत्रकार एवं ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के पदाधिकारी सरदार एसपी तनेजा ने कहा कि पत्रकारिता समाज और देश का प्रखर प्रहरी है इसे हर हाल में अपनी गरिमा और कर्तव्य का निर्वहन करना ही होगा और सच मायने में इसे ही पत्रकारिता मिशन कहा जाता है।
किड्स केयर स्कूल के निदेशक सरदार अमरदीप सिंह ने कहा कि पत्रकारिता धर्म एक ऐसी निःस्वार्थ भावना वाली तपस्या है जिसे करना किसी साधना से कम नहीं है और आज इस संगोष्ठी में बैठे पत्रकार समाज और देश की दशा दिशा पर साधना कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार कमाल अहमद ने गोदी मीडिया का बहिष्कार करते हुए कहा की पत्रकारिता धर्म आधारित नहीं अपितु समाज, साहित्य संविधान और मानवता आधारित होनी चाहिए तभी जाकर हम एक स्वस्थ समाज, स्वस्थ राजनीति समेत समृद्ध राष्ट्र अपनी अगली पीढ़ी को दे सकते हैं। इसी कड़ी में नीरज कुमार पाठक ने कहा कि आज के दौर में पत्रकार ही पत्रकार का उत्पीड़न करते और करवाते हैं।उत्तम सिंह ने कहा कि पत्रकार उत्पीड़न और अराजकतावादी तत्वों के खिलाफ संगठित मुहिम चलाने का आह्वान करते हुए अपने अनुभवों को साझा करते हुए पत्रकार उत्पीड़न के खिलाफ मोर्चा खोलने पर बल दिया।
पत्रकार संतोष कुमार नागर ने कहा कि पत्रकारिता समाज और देश हित में होनी चाहिए। पत्रकार को सच को सच और झूठ को झूठ लिखने में कतई संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के हित में किसी भी तरह की समस्याओं से निजात दिलाने हेतु आर्थिक सहायता कोष योजना लागू करने की आवश्यकता है। जगदीश तिवारी, राजवंश चौबे, एके गुप्ता, नीरज पाठक, विवेकानंद मिश्रा, शमशाद आलम, इमरान खान, संतोष कुमार नागर, ज्ञानदास कन्नौजिया, रामरुप शुक्ला, कमलेश विश्वकर्मा, ईश्वर प्रसाद आदि पत्रकारों ने सामाजिक परिवेश में स्वस्थ, स्वच्छ और निरपेक्ष पत्रकारिता पर बल दिया। संगोष्ठी समापन पर विधिक मित्र कमाल अहमद ने पत्रकारों के बीच विधिक साक्षरता और जागरूकता अभियान भी चलाया। इस अवसर पर रिजवान अहमद, अजीत सिंह, कन्हैया कुमार केशरी, विकास कुमार, अरविंद कुशवाहा समेत दर्जनों पत्रकार मौजूद रहे।

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