
एजाज़ अहमद ब्यूरो चीफ न्यूज लाईन नेटवर्क भदोही ।
भदोही/उत्तर प्रदेश, इस वक्त वक्फ बोर्ड का मामला काफी तूल पकड़ा हुआ है सभी राजनीतिक पार्टियों ने भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और भारतीय जनता पार्टी के मुखिया नरेंद्र मोदी जी जो इस देश के कार्यपालिका के सब से ऊंचे पद पर आसीन है। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुखिया श्री योगी आदित्यनाथ जी देश के मुसलमानों के हित में जो कार्य करना चाहते है विपक्षी दलों की पार्टियां चारों तरफ से घेरने में लगी है अभी तक मुस्लिम समाज का एक पसमांदा समाज दिन ब दिन बैक फूट पर है तो हम बात कर रहे थे कि मुस्लिम वक्फ बोर्ड के रहनुमाओं की जो मुस्लिम समुदाय के हित की बात कर रहे है आप ने देखा होगा एक मौलाना साहब का वायरल वीडियो जिसमें साफ तौर पर बताया गया है कि मुस्लिम वक्फ बोर्ड मुस्लिमों के हित के लिए इस बोर्ड का गठन हुआ था जिन मुस्लिम समुदाय के लोगों को मुस्लिम समाज को धार्मिक शिक्षा लेने में असमर्थ पाया उन मुस्लिमों समाज के बच्चों के हितों के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मुस्लिम वक्फ बोर्ड में मदरसे की तामीर के लिए अपनी भूमि वक्फ कर वक़्फ़ बोर्ड को जमीन मुहैया कराए खुदा की इबादत के लिए मस्जिदों की तामीर के लिए भूमि अपनी भूमि को वक़्फ़ बोर्ड को देकर जमीन मुहैया कराए सुनने में आया है कि जो भूमि और और मकान वक्फ बोर्ड के द्वारा लोगों को किराए पर दी गई है उससे मिलने वाले रेवेन्यू से मुस्लिम समुदाय के गरीब और गुरबत में जिंदगी गुजारने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों को भरपूर मदद मिल सके ऐसा प्रावधान किया गया था इस लिए वक्फ बोर्ड का गठन किया गया था परंतु देश में आजादी से पहले और देश में आजादी के बाद भी लाखों लोगों ने अपनी भूमि को वक्फ बोर्ड में दान दिया जिससे कि मुस्लिम समाज को भरपूर मदद मिलती रहे परंतु ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला बल्कि लाखों एकड़ जमीनों पर अपनी कब्जेदारी को दिखाते हुए वक्फ बोर्ड आज भी उन भूमियों पर काबिज है परंतु उससे मिलने वाले रेवेन्यू से वक्फ बोर्ड में शामिल बड़े लोगों का पेट तो भरता रहा उनकी बिल्डिंगे बनती रही परंतु जिस समाज के उद्धार के लिए लोगों ने अपनी जमीनों को वक़्फ़ किया उन लोगों की हालत आज भी बद से बदतर ही रही, उसकी एक उदाहरण यूं बताई गई है कि महाराष्ट्र में एक खास जगह पर वक़्फ़ में शामिल एक आदमी ने वक़्फ़ बोर्ड द्वारा बने हुए मकान दुकान को किराए पर दिया गया था जिसकी रेवेन्यू 25000/ हजार रखी गई थी परंतु ऑन पेपर 2500/ दो हज़ार पांच सौ रुपए लिखा गया थाजरा सोचिए बाकी के साढ़े बाविस हजार रुपए कहां जा रहे थे, किसकी जेब में जा रहे थे उन बाकी पैसों को वक़्फ़ बोर्ड अपने लोगों में तकसीम कर रहा था या कुछ और ये तो वक़्फ़ बोर्ड ही बता सकता है। ये हकीकत है या नहीं मैं नहीं जानता ये खबर भी खूब वायरल हो रही है क्या वक़्फ़ की जमीन बेची जा सकती है जी नहीं बिल्कुल नहीं बेची जा सकती क्या उसे मुतवल्ली बेच सकता है जी नहीं नहीं बेच सकता वक़्फ़ की हुई जमीन पर मदरसे की तामीर के लिए वक्फ है क्या उस जमीन को बेचा जा सकता हैजी नहीं नहीं बेचा जा सकता 1970 से लेकर 2002 वर्ष तकमें लगभग हजारों एकड़ जमीन को बेच दिया गया जो कि बिल्कुल गलत था यही नहीं 5 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में मदरसे के खिलाफ याचिका दाखिल की कि मदरसों की तामीर और चल रहे मदरसों पर रोक लगे उसमें भी पांच याचिकाकर्ताओं में से चार याचिकाकर्ता मुस्लिम समुदाय से ही ताल्लुक रखते थे जरा सोचिए बीजेपी ने आप के साथ कहां गलत किया गलत और अवैध कार्यों को तो वक़्फ़ बोर्ड अंजाम देता रहा बीजेपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ तो उस वक्फ बोर्ड में हो रहे भ्रष्टाचार के रोक थाम हेतु कड़े और कठोर कदम उठा रहे है जिससे कि दबे कुचले पसमांदा मुस्लिम समाज को और उनके धार्मिक स्थल के कागज़ात को दुरुस्ती कारण कर के हमेशा के लिया उन धार्मिक स्थानों को अविवादित बनाया कर मुस्लिम समाज को सुरक्षित कर उनके हवाले किया जा सके जिससे कि बची वक़्फ़ बोर्ड की भूमि जो मुस्लिम समुदाय के हित के लिए है वो भ्रष्टाचार की भेंट ना चढ़ने पाये।