
आज मिथिला भीम सेना के तत्वधान में गुरु जी के नेतृत्व में एवं डॉ अरुणेश चंद्रा की अध्यक्षता में भारत रत्न बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 134वीं जन्मोउत्सव के उपलक्ष्य पर दरभंगा जिला के कर्पूरी चौक से विशाल शोभायात्रा निकाली गई जो कर्पूरी चौक से बेतां, लहेरिया सराय होते हुए अंबेडकर पार्क स्थित बाबासाहेब के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया उसके बाद लहेरिया सराय पोलो मैदान में सभा में तब्दीली की गई है जिसमें दरभंगा जिला के तमाम बहुजन समाज के लोग जो बाबा साहब अंबेडकर को मानने वाले तथा उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाने वाले के साथ-साथ दलितों के कई संगठन शामिल हुए। वही सभा को संबोधित करते हुए दलित चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरु जी ने कहा बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर
विदेश में रहते हुए उन्होंने महसूस किया कि शिक्षा ही वह हथियार है जिससे सामाजिक असमानता को समाप्त किया जा सकता है।
भारत लौटने के बाद, उन्होंने न केवल वकालत शुरू की बल्कि सामाजिक आंदोलन का भी नेतृत्व किया। उन्होंने ‘बहिष्कृत हितकारिणी सभा’ की स्थापना की, जिसका उद्देश्य दलितों को शिक्षा और सामाजिक अधिकार दिलाना था।
डॉ. अंबेडकर ने समाज में फैली जातिगत असमानता और छुआछूत के विरुद्ध व्यापक आंदोलन चलाए। उन्होंने महाड तालाब सत्याग्रह और कालाराम मंदिर प्रवेश आंदोलन जैसे ऐतिहासिक आंदोलनों का नेतृत्व किया। इन आंदोलनों का उद्देश्य यह था कि दलितों को सार्वजनिक स्थानों, मंदिरों, और संसाधनों पर समान अधिकार मिले।
आज जब हम अंबेडकर जयंती को मना रहे हैं, तो हमें इस बात का संकल्प लेना चाहिए कि हम उनके बताए मार्ग पर चलकर सामाजिक न्याय की स्थापना करें, शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाएं, और भारत को एक सशक्त, समान और समावेशी राष्ट्र बनाने में अपना योगदान दें। मौके पर मौजूद,अमर राम,विक्की राम,रवि राम,आरके दत्ता,विजय पासवान, , मोहम्मद अख्तर, सतीश पासवान, वकील शास्त्री, , सतीश भारती, चंदन चौपाल, डॉ शिवानंद, डॉ अर्पणा भारती, डॉ रेनू प्रभा, डॉ अर्चना भारती, डॉक्टर संजीव सुमन,मुखिया नागेश्वर पासवान,के साथ-साथ हजारों की संख्या में बाबा साहब को मानने वाले मौजूद रहे।