फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई जलाने पर होगी कार्यवाही, कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने नरवाई जलाने पर लगाया प्रतिबंध।

न्यूजलाइन नेटवर्क – चितरंगी संवाददाता – आदर्श तिवारी

चितरंगी/सिंगरौली। सिंगरौली कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी चन्द्र शेखर शुक्ल द्वारा सम्पूर्ण सिंगरौली जिले में फसल कटाई के उपरांत खेतों में नरवाई (फसल के डंठल) जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह आदेश 11 अप्रैल 2025 से 10 जून 2025 तक प्रभावशील रहेगा। जारी आदेश में कहा गया है कि नरवाई जलाना न केवल कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी गंभीर हानि होती है। इसके अतिरिक्त, आग की घटनाएं अनियंत्रित होकर जन, धन, संपत्ति, वनस्पति एवं जीव-जंतुओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं और कानून व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ सकती है।
नरवाई जलाने से होते हैं अनेक नुकसान:- आदेश में स्पष्ट किया गया है कि खेतों में पड़ी नरवाई, भूसा एवं डंठल प्राकृतिक रूप से सड़कर मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं। इनका जलाया जाना मिट्टी में मौजूद लाभकारी सूक्ष्म जीवाणुओं को नष्ट कर देता है, जिससे खेत की उपजाऊ शक्ति धीरे-धीरे कम होती जाती है और कृषि उत्पादन प्रभावित होता है। साथ ही, नरवाई जलाने से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है, जो वायु प्रदूषण और पर्यावरण असंतुलन को जन्म देता है।
जनहित में लिया गया निर्णय:- कलेक्टर ने यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के अंतर्गत पारित किया है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध जनस्वास्थ्य की सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और लोक व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से आवश्यक है। चूंकि यह आदेश सार्वजनिक हित से जुड़ा है, अतः इसे एकपक्षीय रूप से पारित किया गया है। जिला प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे नरवाई जलाने से बचें और पर्यावरण हितैषी उपायों को अपनाकर भूमि की उर्वरता बनाए रखें। आदेश के उल्लंघन पर संबंधित के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।

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