न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। जिले में सत्ता और प्रशासन के सरपरस्ती में रेत, कोयला, कबाड़ का काला कारोबार, प्रशासनिक भ्रष्टाचार और राजनीतिक अत्याचार के साथ किसानों को कंगाल करने, भूमि स्वामियों को भिखारी बनाने तथा नए जमींदार पैदा करने की व्यवस्था का कार्य चल रहा है।
जिला कांग्रेस कमेटी सिंगरौली ग्रामीण अध्यक्ष ज्ञानेंद्र द्विवेदी ने अपने एक प्रेस वक्तव्य में कहा है कि आम जनता के लिए न्याय और संवेदनशील पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था सिंगरौली जिला में धराशाई हो रही है। आश्चर्य तो यह है कि सरकार के तानाशाही शब्दावली का प्रयोग प्रशासनिक अधिकारी करने लगे हैं और हमारे जनप्रतिनिधि उनके कृपापेक्षी बनकर रह गए हैं। जिले में लोकतंत्र का यह घिनौना चरित्र दुर्भाग्यपूर्ण है। जिले के किसानों का एक बड़ा वर्ग खेती के लिए आवश्यक संसाधनों के प्रति आत्मनिर्भर नहीं होकर पकृति पर निर्भर है। अवर्षा और असमय वर्षा का जिला भर में दलहन फसल अरहर, मसूर और चना पर विपरीत प्रभाव रहने से उत्पादन आधे से भी कम हो गया है। गेहूं के फसल पर बे-मौसम बारिश और ओला का बज्रपात किसी से छुपा नहीं है।
देवसर, चितरंगी और सिंगरौली सहित अन्य तहसील क्षेत्र के अनेक ग्रामों में जैसे देवसर के गुरपुरा ग्राम में गेहूं की फसल शत-प्रतिशत क्षतिग्रस्त हुई है। वहीं जियावन, सहुआर, अकौरी, खड़ौरा, चरकी, मजौना, ढोंगा सहित अन्य गांवों में भारी नुकसान की जानकारी है किंतु सरकारी आंकड़े नुकसान का न्यूनतम अनुमान बता रहे हैं कोई भी सरकारी कर्मचारी देखने तक नहीं गया।