धर्मेंद्र मिश्रा, न्यूज़लाइन नेटवर्क, प्रतापगढ़ :
जनपद के कुंडा तहसील क्षेत्र अंतर्गत मानिकपुर में स्थित विश्वकर्मा मंदिर पर सोमवार को विश्वकर्मा समाज द्वारा पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि मनाई गई। जिसमें मौजूद लोगों ने भगवान विश्वकर्मा का पूजन अर्चन एवं पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। विश्वकर्मा विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामलाल विश्वकर्मा ने ज्ञानी जैल सिंह के कृतित्व और व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए कहाकि पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह विश्वकर्मा समाज के स्वाभिमान और गौरव के प्रतीक थे। उन्होंने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया तथा जुल्म अत्याचार और अन्याय के खिलाफ सदैव संघर्ष करते रहे। विश्व हिंदू परिषद के विभाग अध्यक्ष जुगनू विश्वकर्मा ने कहाकि ज्ञानी जैल सिंह विश्वकर्मा परिवार में पैदा अवश्य हुए थे, लेकिन वह देश के सभी वर्गों के नेता थे। वह पंजाब के एक गरीब बढ़ई विश्वकर्मा परिवार में पैदा होकर अपने संघर्ष के बल पर पंजाब के मुख्यमंत्री, देश के गृहमंत्री और राष्ट्रपति बने थे। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि यदि मन में दृढ इच्छा शक्ति हो और नेतृत्व के प्रति सच्ची निष्ठा हो तो व्यक्ति संघर्ष के बल पर गरीब और पिछड़ी जाति में पैदा होकर भी देश के बड़े पद पर पहुंच सकता है। शिक्षक विनोद विश्वकर्मा गुरुजी ने कहा कि समाज में शिक्षा का स्तर बढ़ा कर ही विकास किया जा सकता है। विश्वकर्मा समाज स्वयं के रोजगार से आर्थिक उन्नति के पथ पर अग्रसर है, लेकिन सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक रूप से मजबूत न होने के साथ ही राजनैतिक भागीदारी में भी पिछड़ा हुआ है। उन्होंने कहाकि विश्वकर्मा समाज को राजनैतिक रूप से सफल होने के लिए समाज की एकजुटता जरूरी है। हर व्यक्ति को रोजगार के नये संसाधनों के साथ जुड़ना होगा। कार्यक्रम को शिक्षक प्रदीप विश्वकर्मा, वरिष्ठ समाजसेवी श्यामलाल, कुलदीप कुमार आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त कानूनगो रामलखन विश्वकर्मा एवं संचालन शिक्षक सुनील दत्त विश्वकर्मा ने किया। मंदिर अध्यक्ष राम लखन विश्वकर्मा ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। इस मौके पर पंडित जगदेव, राम सूरत, कुलदीप कुमार, बड़कू विश्वकर्मा, फूलचंद्र विश्वकर्मा, प्रदीप विश्वकर्मा, अनुज विश्वकर्मा, अनिल विश्वकर्मा, लवलेश विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे।