
न्यूजलाइन नेटवर्क – चितरंगी संवाददाता – आदर्श तिवारी
चितरंगी/सिंगरौली। सिंगरौली गोंदवाली स्थित मेसर्स पावसुन इंडस्ट्रीज प्रालि. द्वारा बिना कलेक्टर की अनुमति के बीते दो से तीन माह से कोयले का भंडारण किया जा रहा है, लेकिन खनिज और प्रदूषण नियंत्रण विभाग दोनों ही इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। जानकारी के अनुसार, बरगवां थाना क्षेत्र अंतर्गत गोंदवाली में कोल वॉशरी के नाम पर बड़े पैमाने पर कोयले का भंडारण चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, कलेक्ट्रेट की खनिज शाखा से अब तक कोल भंडारण की अनुमति नहीं मिली है। हालांकि कंपनी द्वारा कुछ माह पूर्व अनुमति हेतु आवेदन जरूर दिया गया था, लेकिन अनुमति न मिलने के बावजूद लगातार कोयला संग्रहण किया जा रहा है। अब यह सवाल उठ रहा है कि जब अनुमति नहीं मिली, तो भंडारण की अनुमति किसने दी?
सूत्रों का दावा है कि गोंदवाली कोल साइडिंग में एनसीएल की विभिन्न परियोजनाओं से बड़ी मात्रा में कोयला लाकर रखा जा रहा है। इस पूरे मामले में न तो खनिज अमला सक्रिय दिख रहा है और न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड। क्षेत्रीय कार्यालय सिंगरौली के अधिकारी अपनी कार्यशैली को लेकर पहले भी विवादों में रहे हैं। दफ्तर में एसी कक्ष तक सीमित रहने वाले अधिकारी फील्ड में निरीक्षण तक नहीं करते, जिसके चलते गोंदवाली अंचल गंभीर पर्यावरणीय संकट से गुजर रहा है। जब इस संबंध में खनिज अधिकारी आकांक्षा पटेल से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड देखने के बाद ही कुछ स्पष्ट बता सकेंगी। फिलहाल यह मामला प्रशासनिक निष्क्रियता और विभागीय उदासीनता का उदाहरण बनकर चर्चाओं में है।