विधायक, कलेक्टर व एसपी के औचक निरीक्षण से जिला चिकित्सालय की खुली पोल, औचक निरीक्षण में अधिकांश चिकित्सक मिले नदारत।

अव्यवस्था को देखकर स्वास्थ्य अधिकारियों को लगाई फटकार, अव्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो होगी कार्रवाई, तैनात होंगे दो पुलिस कर्मी।

न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट – अरविन्द प्रकाश मालवीय

सिंगरौली/ मध्य प्रदेश। जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में गुरुवार की शाम उस समय हड़कंप मच गया। जब विधायक व कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अमला औचक निरीक्षण करने पहुंचे। सबसे पहले ओपीडी की बदहाल व्यवस्था को देखकर विधायक व कलेक्टर ने नाराजगी जताई। चिकित्सकों के नदारद होने के संबंध में सिविल सर्जन से पूछा तो कोई ठोस जवाब नहीं दे सके। इसके बाद डे्रसिंग कक्ष में व्यवस्था का जायजा लेते हुए निरीक्षण दल ने इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों की हकीकत जाना है।
निरीक्षण में सिंगरौली विधायक रामनिवास शाह व कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला, एसपी मनीष खत्री, एसडीएम सृजन वर्मा, सीएमएचओ डॉ. एनके जैन, भाजपा नेता नरेश शाह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। इसके बाद जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर के वार्डों में भर्ती मरीजों के पास पहुंचे। जहां मरीजों से उपचार के संबंध में जिला प्रशासन ने जानकारी ली। मरीजों ने बताया कि वार्ड में चिकित्सक देखने नहीं आते। सुबह एक बार आने के बाद फिर दूसरे दिन सुबह में ही चिकित्सक मरीजों के पास पहुंचते हैं। अस्पताल की लचर व्यवस्था को देखने व सुनने के बाद कलेक्टर ने सिविल सर्जन डॉ. देवेन्द्र सिंह को फटकार लगाते हुए कहा कि एक अस्पताल की व्यवस्था को नहीं संभाल पा रहे हो। यह लापरवाही को दर्शाता है। निरीक्षण के दौरान बारी-बारी से कलेक्टर बच्चा वार्ड, मेल व फीमेल वार्ड में पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया है। इस दौरान करीब आधे घंटे तक जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में बिजली गुल रही। जिससे मरीजों को उमसभरी गर्मी से परेशान होना पड़ा है। बिजली गुल होने के संबंध में कलेक्टर जनरेटर की सुविधा को लेकर सिविल सर्जन को हिदायत देते हुए कहा कि जनरेटर के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। फिर भी मरीजों को इसकी सुविधा नहीं दी जा रही है। हालांकि इस दौरान सिविल सर्जर्न चुप्पी साधे रहे।
एक अस्पताल भी नही संभाल सकते हो:- जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर की भारी अव्यवस्था एवं चिकित्सको के नदारत रहने पर विधायक व कलेक्टर भड़क गये। कलेक्टर ने कहा कि मैं पूरे जिले को चलाता हॅू और सिविल सर्जन एक जिला चिकित्सालय को नही संभाल पा रहे हैं। वही विधायक रामनिवास शाह ने कहा कि हमारे लिए जनता जनार्दन सर्वोपरि हैं। जनता को हम लोगों से काफी उम्मीदें हैं। हम जनता-जनार्दन के लिए काम कर रहे हैं और हमे जनता को जवाब देना पड़ता है। उधर निरीक्षण के दौरान शाम 5:30 बजे चार चिकित्सक ही अस्पताल में दिखे।
11 घंटे गुल थी बिजली, नवजात शिशुओ की अटकी थी सांसे:- निरीक्षण के दौरान ड्रेसिंग कक्ष, इमरजेसी के अलावा पीआईसीयू सहित एसएनसीयू वार्डों का अवलोकन किया। मौके पर उपस्थित सिविल सर्जन को आवश्यक व्यवस्थाए बनाये जाने का निर्देश दिया गया। वही निरीक्षण के दौरान बच्चों के अत्यन्त महत्वपूर्ण वार्ड एसएनसीयू के निरीक्षण के दौरान आपातकालीन विद्युत व्यवस्था सही नही होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक दिवस के अंदर डीजी चालू नहीं होने का कारण बताने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने चिकित्सालय में मिली कमियों के प्रति अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि दो दिन के अंदर सभी व्यवस्था चुस्त दूरुस्त कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। यदि अव्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया गया तो सिविल सर्जन के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी। वही मेडिकल कॉलेज के डीन ने बताया कि एसएनसीयू में भर्ती नवजात शिशुओं के लिए 3 मिनट ही काफी है। 11 मिनट बिजली गुल होना जोखिम भरा हो सकता था।
गंदगी देखकर जताई नाराजगी:- जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर परिसर में निरीक्षण के दौरान विधायक व कलेक्टर ने गंदगी देखकर स्वास्थ्य अधिकारियों के प्रति नाराजगी जताई है। कहाकि स्वास्थ्य के प्रति खुद स्वास्थ्य अधिकारी सजग नहीं है। ऐसे में मरीजों को स्वस्थ्य कैसे करेंगे। यह कार्यशैली पर प्रश्रचिन्ह खड़ा करता है। इसके अलावा ट्रामा सेंटर में पेयजल नियमित सप्लाई करने का सख्त निर्देश दिया गया। वहीं विधायक ने कहा कि चिकित्सालय परिसर में नशे की हालत में किसी को भी प्रवेश नही दिया जाये। जिसके संबंध में पुलिस अधीक्षक के द्वारा मौके पर ही थाना प्रभारी वैढ़न को निर्देश दिया गया कि चिकित्सालय में मशीन के माध्यम से समय सयम पर जॉच कराया जाना सुनिश्चित करें।
पार्किंग की सुविधा तत्काल निरस्त करें:- पिछले कई महीनों से मिल रही शिकायत पर विधायक व कलेक्टर ने पार्किंग सुविधा को निरस्त किए जाने का निर्देश दिया है। बताया गया कि पार्किंग की वजह से गंभीर मरीजों को भी अस्पतााल के मुख्य द्वार पर रोक दिया जाता है। ऐसे में गंभीर मरीजों के लिए मुसीबत होती थी। जिसे ध्यान में रखते हुए पार्किंग व्यवस्था की जांच पड़ताल करने के बाद अप्रशन्नता जाहिर की। इसके बाद कलेक्टर ने निर्देश दिया कि तत्काल वाहन पार्किग शुल्क निरस्त किया जाए। अब कोई भी वाहन का शुल्क नहीं लगेगा। जिला चिकित्सालय के मेन गेट के बाहर वाहन पार्किग हेतु स्थल का चयन कर निविदा जारी करें।

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