महावीर कोल वासरी का काला पानी बना ग्रामीणों की मुसीबत — खेत हुए बंजर, पेयजल संकट गहराया।

न्यूजलाइन नेटवर्क – चितरंगी संवाददाता – आदर्श तिवारी

चितरंगी/सिंगरौली। सिंगरौली, गोरबी चौकी क्षेत्र एनसीएल की गोरबी कोयला खदान के पास दशकों से संचालित महावीर कोल वासरी से निकल रहे दूषित पानी ने नौढ़िया और महदेइया गांव के लोगों का जीवन मुश्किल में डाल दिया है। वासरी से निकलने वाला कोयला मिश्रित काला पानी अब नाले का रूप ले चुका है, जिससे न सिर्फ खेत बंजर हो रहे हैं, बल्कि ग्रामीणों के लिए पीने का पानी भी संकट बन गया है। गांव वालों की मानें तो इस काले पानी में खतरनाक रसायन घुले होने की आशंका है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी बढ़ रहे हैं। ग्रामीण पीने और दैनिक उपयोग के लिए इसी पानी को छानकर इस्तेमाल करने को मजबूर हैं। वासरी संचालन में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और पर्यावरणीय मंजूरी की अनिवार्यता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनसीएल की भूमिका पर भी स्थानीय लोग उंगली उठा रहे हैं। आरोप है कि खेतों में कोयला पहुंचने से फसलें तबाह हो गई हैं और धूप में उड़ती कोयले की डस्ट से घर, पेड़-पौधे तक काले हो जाते हैं।
वासरी संचालन से पहले वायु, जल और भूमि प्रदूषण नियंत्रण की शर्तें होती हैं, लेकिन मौजूदा हालात यह दर्शा रहे हैं कि इन मानकों की अनदेखी हुई है। पर्यावरणीय नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं और जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द इस गंभीर मुद्दे पर कार्रवाई की जाए, ताकि क्षेत्र के पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा हो सके।

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