
न्यूजलाइन नेटवर्क – चितरंगी संवाददाता – आदर्श तिवारी
चितरंगी/सिंगरौली। सिंगरौली जिले के बारगावा थाना अंतर्गत गोनर्रा चौकी इन दिनों सुर्खियों में है, लेकिन किसी सराहनीय कार्य के लिए नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी से आँख मूंदने के लिए। सूत्रों के अनुसार, गोनर्रा चौकी प्रभारी की निष्क्रियता के चलते हर दिन दर्जनों ओवरलोड पिकअप वाहन, जिनमें 40 से 50 तक सवारियाँ बैठाई जाती हैं, चौकी के सामने से बिना किसी जांच के गुजरते हैं। ये वाहन सिंगरौली की कंपनियों की ओर सवारियाँ पहुंचा रहे हैं। सबसे गंभीर बात यह है कि यह सब कुछ उस चौकी के सामने हो रहा है, जो कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। इसके पहले भी खबरें प्रकाशित हो चुकी हैं, यहां तक कि कुछ महीने पहले एक पिकअप पलटने से बड़ा हादसा भी हुआ था, लेकिन चौकी प्रभारी की ‘कुंभकर्णी नींद’ अब तक टूटी नहीं है। अगर देखा जाए तो मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनुसार, पिकअप वाहन एक मालवाहक (Goods Carrier) वाहन होता है। इसका उपयोग सवारी ढोने के लिए कानूनन पूर्णतः अवैध है। दुर्घटना की स्थिति में बीमा भी सवारी को कवर नहीं करता, जिससे जान-माल दोनों का गंभीर जोखिम बना रहता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या गोनर्रा चौकी प्रभारी को इन नियमों की जानकारी नहीं है? या जानबूझकर आंखें मूंद रखी हैं?
सूत्रों का दावा:- स्थानीय सूत्रों का कहना है कि कई पिकअप चालकों की ‘महीनवारी सेटिंग’ चौकी स्तर पर तय है, जिससे उन्हें किसी जांच या कार्रवाई का डर नहीं है। यही कारण है कि प्रतिदिन खुलेआम चौकी के सामने से नियमों का मखौल उड़ाते हुए ये वाहन निकलते रहते हैं।
अब सवाल उठता है:- क्या पुलिस प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतजार में है? क्या मानवीय जान की कीमत व्यवस्था से कम हो चुकी है? और सबसे बड़ा सवाल — क्या गोनर्रा चौकी प्रभारी को जवाबदेह ठहराया जाएगा? अगर अब भी प्रशासन नहीं जागा तो अगली दुर्घटना किसी बड़ी त्रासदी का रूप ले सकती है।