पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा की मांग भोजपुरी भाषा के अधार पर पृथक पूर्वांचल राज्य की हो स्थापना।

पूर्वी उत्तर प्रदेश यानि पूर्वांचल के युवाओं का अन्य बड़े शहरों के लिए बंद हो पलायन —- पवन कुमार सिंह

न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट- अरविन्द प्रकाश मालवीय

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश। दिनांक 02 जुलाई 2025 अलग पूर्वांचल राज्य की मांग कर रहे पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव एड पवन कुमार सिंह ने भाषाई आधार पर पूर्वांचल राज्य का गठन होना चाहिए। आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग को पूर्वांचल के नाम से जाना जाता है, वर्तमान में इसकी आबादी लगभग 10 करोड़ हैं। आज़ादी की लड़ाई में पूर्वांचल सबसे आगे रहा। लेकिन आज़ादी के 75 साल बीत जाने के बावजूद आज भी इस भाग के लगभग आधे से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने को विवश हैं। 2 करोड़ से अधिक नौजवान या तो बेरोजगार हैं, या फिर मुम्बई, चेन्नई, दिल्ली, बंगलोर, गुजरात जैसे जगहों की ओर पलायन कर रहे हैं। इसका जिम्मेदार कौन है? इसका एकमात्र विकल्प अलग पूर्वांचल राज्य है आगे बताया कि किताब थॉट्स एंड लिंग्विस्टिक स्टेट्स में डॉ भीमराव अंबेडकर ने भाषायी आधार पर राज्यों के विभाजन पर अपने विचार व्यक्त किए, उन्होंने उत्तर प्रदेश के तीन टुकड़े किए जाने की बात कही। इसलिए भोजपुरी भाषा के अधार पर अलग पूर्वांचल राज्य बनना चाहिए। भाषाई राज्यों की मांग स्वतंत्रता के बाद के भारत में एक सतत् मुद्दा रही है। वर्ष 1956 का राज्य पुनर्गठन अधिनियम मुख्य रूप से फज़ल अली आयोग की सिफारिशों पर आधारित था, जिसने भाषाई और सांस्कृतिक पहचान को बेहतर ढंग से दर्शाने के लिये राज्यों के पुनर्गठन का समर्थन किया थी। पुनर्गठन के परिणामस्वरूप 14 राज्य और 06 केंद्रशासित प्रदेशों का निर्माण हुआ। जबकि 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम ने भाषाई आधार पर राज्यों का निर्माण हुआ है और अभी बाकी हैं।

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