आरोपों में घिरी जिले में प्रभारी मंत्री की शुरू हुई किरकिरी, सोशल मीडिया में विपक्षी दलों अलावा आमजन भी पीएचई मंत्री संपत्तिया उईके पर उठा रहे सवाल।
न्यूजलाइन नेटवर्क – ब्यूरो रिपोर्ट- अरविन्द प्रकाश मालवीय सिंगरौली/ उत्तर प्रदेश। जल जीवन मिशन के नाम पर 1 हजार करोड़ रूपये की घूसखोरी के आरोप में घिरी पीएचई मंत्री एवं सिंगरौली जिले के प्रभारी मंत्री सम्पत्तिया उईके की जिले में किरकिरी शुरू हो गई है।
विपक्षी दलों के साथ-साथ आम जन को भी प्रभारी मंत्री को सोशल मीडिया में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। गौरतलब है कि पूर्व विधायक किशोर समरीते ने प्रदेश के केबिनेट पीएचई मंत्री एवं सिंगरौली जिले के प्रभारी मंत्री पर जल जीवन मिशन योजना के राशि में व्यापक पैमाने पर राशि की बंदरबांट किये जाने का सनसनीखेज आरोप लगाते हुये भूचाल ला दिया है। पूर्व विधायक ने इसकी शिकायत पीएमओ के यहां भेजी है। हालांकि इस शिकायत में कितना दम है, यह तो निष्पक्ष जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कौन सही और कौन गलत है। प्रभारी मंत्री ने भोपाल में मीडिया कर्मियों के सवालों पर अपनी सफाई देते हुये आरोप को बेबुनियाद एवं बे वजह बदनाम करने की बात करते हुये कही कि आदिवासी होने के नाते मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। हालांकि मीडियाकर्मियों के अन्य सवालों का जवाब मंत्री ने नही दी।
जबकि यहां बताते चले कि शिकायत कर्ता पूर्व विधायक आदिवासी वर्ग से ही ताल्लुकात रखते हैं। इधर पीएचई मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री पर लगे उक्त आरोप के बाद सिंगरौली में भी पिछले दो दिनों से चर्चाओं का विषय बना हुआ है। चाय-पान के ठेला से लेकर कई सरकारी दफ्तरो में भी यह मामला सुर्खियों में है। लोगबाग आपस में एक ही बात पर चर्चा कर रहे हैं आरोप में कितनी सच्चाई है। वही जिले में प्रभारी मंत्री के कार्यप्रणाली को लेकर लोगबाग तरह-तरह की चर्चाएं करते हुये उक्त मामले को हवा दे रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि जब से पीएचई मंत्री सम्पत्तिया उईके को जिले का पालक मंत्री बनाया गया है, इसके कुछ महीनों के बाद से ही सरकारी महकमे में तबादलो का दौर शुरू हो गया। विशेष कर पुलिस अमले में फेरबदल को लेकर कई विधायक एवं सांसद नाराज चल रहे हैं और उनकी नाराजगी अभी भी है। पिछले सप्ताह पुलिस एवं राजस्व विभाग के कुछ सरकारी अमले का तबादला निरस्त कर यथावत करना सुर्खियो में है और इसी बात को लेकर दबी जुबान में भाजपा के कुछ कार्यकर्ता भी पर्दे के पीछे बोलने लगे हैं। फिलहाल जल जीवन मिशन की राशि में किस तरह से खेला हुआ है, यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। लेकिन विपक्षी दल कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी के नेता के साथ-साथ आम जन भी प्रभारी मंत्री के कार्यप्रणाली पर तरह-तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। घरेलू नल कनेक्शन पंचायतो की सूची सार्वजनिक हो।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनुसार कुल 47931 परिवारों को क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन देने का लक्ष्य है। तत्पश्चात स्वीकृत 144 योजनाओ में वर्तमान करीब 23 हजार 500 क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन प्रदाय कर देने का दावा किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी सिंगरौली के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश सोनी का कहना है कि जल निगम मिशन के द्वारा जिन पंचायतों के घरों में घरेलू नल कनेक्शन दिय गये हैं, उन पंचायतों की सूची सार्वजनिक की जाये। ताकि पता चल सके कि किन पंचायतों के रहवासियों के घरों में नल कनेक्शन हुआ है। आंकड़ेबाजी से पता नही चल पाएगा। उन्होंने कलेक्टर का ध्यान आकृ ष्ट कराते हुये नल जल योजना कनेक्शन धारी गांवों की सूची पंचायतों चस्पा कराकर सार्वजनिक कराया जाये। प्रभारी मंत्री से सांसद व विधायक भी हैं नाराज:- प्रभारी मंत्री से कई विधायक एवं सांसद भी नाराज चल रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि प्रभारी मंत्री से उक्त माननियों के नाराजगी की बात ऊपर भोपाल तक सीएम एवं अन्य शीर्ष भाजपा नेताओं के यहां पहुंचने की चर्चा है। प्रभारी मंत्री के प्रति यह नाराजगी पिछले कई महीनों से है, लेकिन पिछले माह जिला प्रबंध समिति की बैठक में सरकारी कर्मचारियों के तबादले को लेकर काफी कहासूनी हुई थी और विधायको ने यहां तक कहा था कि आखिरकार ओएसडी का दखल क्यों हैं? जब विधायको की नही सुनी जाती है तो आम भाजपा कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी अपने समस्या कैसे सुनाएंगे। हालांकि इसका जवाब प्रभारी मंत्री ने उस वक्त नही दिया था। जिसके बाद से और खटास बढ़ता गया है। सांसद एवं विधायको की नाराजगी कब दूर होगी, जिले में यही चर्चाएं भी चल रही हैं।