न्यूज़लाइन नेटवर्क, स्टेट ब्यूरो
भिलाई बाजार : भागवत भवरोग की दवा है।यह संसार के समस्त सुखो की जननी और त्रिविध ताप और संताप निवारण की महौषधि भी है। संसार मे मित्रता के पर्याय है श्रीकृष्ण और सुदामा।भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा का जो लौकिक और पारलौकिक सत्कार किया वह अद्वितीय अतुलनीय अविस्मरणीय और अनिर्वचनीय है।सुदामा ने जिस प्रकार शापित चने को खाकर दारिद्रय को स्वीकार किया तथा श्रीकृष्ण को द्वारिकाधीश बनाने के अपने संकल्प पूरा किया तथा श्रीकृष्ण द्वारा सुदामा मित्र के चांवल के सम्मान स्वयम जगन्नाथ भगवान बनना तथा सुदामा को त्रैलोक्य का वैभव एवम अनन्य भक्ति प्रदान करना मित्रता और भक्तवत्सलता की पराकाष्ठा है।यह विचार लोरमी से पधारे कथावाचक भागवताचार्य पंडित डॉक्टर सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज ने भिलाई बाजार निवासी टेकराम कश्यप भूपतराम कश्यप और दिनेश कश्यप परिवार मे आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान व्यासपीठ से व्यक्त किए। डाक्टर तिवारी ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओ सोलह हजार एक सौ आठ विवाह की चर्चा करते हुए बावजूद उन्हे पूर्ण ब्रम्ह योगेश्वर और अखण्ड ब्रम्हचारी बतलाया। भूमिपुत्र भौमासुर का श्रीकृष्ण द्वारा वध करना प्राकृतिक न्याय व समत्व योग का उदाहरण है।वाणासुर का अहंकार दूर करना की भगवान की दयालुता की पराकाष्ठा है। योगेश्वर श्रीकृष्ण द्वारा अपनी सम्पूर्ण लीला मे प्रकृति का संतुलन, सनातन धर्म और संस्कृति का संरक्षण व संवर्धन तथा वसुधैव-कुटुम्बकम जैसी विश्व कल्याण की भावना का पल पल दिग्दर्शन उनके चिन्तन और उदात्त चरित्र की विशेषता है ।डाक्टर तिवारी ने धन व समय का सदुपयोग तथा समाज को सदैव सजग रहने कुरीतियो को दूर करने अपने राष्ट्र के उत्थान हेतु सतत लगे रहने का आग्रह किया।उक्त अवसर पर श्रीकृष्ण और सुदामा की जीवन्त झांकी निकाली गई।उक्त कार्यक्रम मे पंडित रामखेलावन पाण्डेय पंडित नीरज तिवारी द्वारिका जायसवाल शिव अग्रवाल खूबचन्द कश्यप अखिलेश जायसवाल इन्द्रभान जायसवाल रोशन जायसवाल सहित सैकड़ो श्रद्धालु नर नारी उपस्थित थे।