रिपोर्ट- मोनीश ज़ीशान
न्यूज़लाइन नेटवर्क वैशाली(बिहार)
लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रदेश महासचिव रंजन सिंह से बिहार के मौजूदा स्थिति पर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा की
आज जो राजनीतिक हालात बिहार के अंदर पैदा हुआ है उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी अपने नेताओं और गठबंधन को सिर्फ कुर्सी के लिए इस्तेमाल करते हैं जब भी मुख्यमंत्री को गठबंधन में अपनी बात मनवानी होती है तो वह इधर से उधर जाने की बात कह कर दबाव की राजनीति करते हैं जबकि उनको पता नहीं है कि उनके राजनीतिक व्यवहार से ही बिहार में मौजूदा गठबंधन करके 1990 के दशक के कानून व्यवस्था की याद दिलाती है और राजनीति में समाज को कभी पिछड़ा अति पिछड़ा नाम पर तो कभी दलित महादलित के नाम पर समाज को बांटने का काम करते रहते है।
जिस तरीके से बिहार खासकर पिछले 32 सालों में जातिगत राजनीति भेट चढ़कर विकास से वंचित हो चुका है।
यहां किसी भी नेता को,जो सत्ता में बैठे हैं,उनको बिहार के विकास से कोई लेना-देना नहीं है वो हमेशा इस बात में लगे रहते हैं कि कैसे अपनी वोट बैंक और कैसे पुनः सत्ता में बने रहे।आज सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए इस तरह के शगुफों को छोड़ रही है ताकि जनता इसी शब्द में उलझा रहे और उनका ध्यान सरकार के कानून व्यवस्था, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के तरफ़ ना जाए।
सरकार सभी मोर्चो पर विफल रही है,आए दिन बिहार में हत्या हो रही है इसकी चिंता नहीं है। स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो रही,अस्पतालों में इलाज नहीं हो रहा और अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में लगभग दोगुनी रेट से बिजली मिल रही है,रोजगार के अवसर घटते जा रहे हैं परिणाम स्वरूप बिहार से पलायन हो रहा है।आज हर एक बिहारी परिवार से कोई ना कोई रोजगार के लिए बिहार से बाहर है और किसी अन्य राज्य में अपनी सेवा दे रहा है।
इन सब पर चिंता करने के बजाय यहां के सत्ता में बैठे लोग बिहार को पुनः जातिगत राजनीति मे धकेल रहे हैं।
यह वही बिहार है जो कभी पूरे देश को 25% चीनी,50% वनस्पति उत्पाद एवं लगभग 30% गेहूं जैसे कृषि उत्पादों का एक बड़ा हिस्सा देश को देता था। आज भूमि वही है,किसान भी वही है फिर भी हम ऐसा करने में विफल है।कहीं ना कहीं सरकार के गैर जिम्मेदाराना और उपेक्षा का शिकार बिहार हो रहा है।इसीलिए,आज हर एक बिहारी अपनी आशा भरी निगाहें हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चिराग पासवान जी के तरफ देख रहा है।क्योंकि,एकमात्र सिर्फ हमारे नेता ही हैं,जो बिहार में जाति की राजनीति से हटकर उन्होंने बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट को बनाने का संकल्प लिया है। जिन्होंने विकास को अपने राजनीति का एजेंडा बनाया इसीलिए आज बिहार को चिराग पासवान जैसे नेता की जरूरत है।
शायद,जानता इस बात को समझ रही है,इसलिए हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के सभा में आपको इतनी भीड़ देखने को मिलती होगी।
हम सब चाहते हैं कि बिहार विकसित बने फिर भी बिहार अन्य राज्यों की तुलना में गरीबी रेखा और क्राइम रेट में सबसे आगे है और कनविक्शन रेट में सबसे पीछे।
क्या ऐसा बिहार की हम अपनी अगली पीढ़ी को सौपना चाहते है? वास्तविक में यह चिंता का विषय है।