हर्षोल्लास पूर्वक मनाया भगवान महावीर का 2550 वां निर्वाण महोत्सव

दीपांकुर चौहान न्यूज़ लाइन नेटवर्क
केकड़ी ।प्यास बुझाने के लिए नीर चाहिए मधुर संबंध बनाने के लिए खीर चाहिए
हर अच्छी – बुरी स्थिति में धीर चाहिए
जगत के प्राणियों की पीर हरने महावीर चाहिए
उक्त मुक्तक मुनि सुश्रुत सागर महाराज ने चंद्रप्रभु चैत्यालय मे आयोजित भगवान महावीर के 2550 वे निर्वाण महोत्सव के दौरान आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने जगत को जीओ और जीने दो का संदेश दिया। सत्य अहिंसा अचौर्य ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह का पाठ पढ़ाया।जगत में जब भी शांति होगी भगवान महावीर के बताये हुए मार्ग अहिंसा से ही होगी। मुनिराज ने युवाओं, युवतियों को विशेष रूप से संबोधित करते हुए कहा कि अपने कुलाचार,सदाचार व सद् संस्कार सहित मर्यादाओं का ध्यान रखें, मोबाइल से आवश्यक बातें ही मंबातों का ध्यान रखना चाहिए। पंथवाद से दूर रहकर धर्म और मुनियों की सेवा से अपने जीवन को उत्कर्ष पर ले जावे।सोमवार को श्रद्धालुओं द्वारा भगवान महावीर के 2550 वे निर्वाण महोत्सव पर धूमधाम से भव्य शोभायात्रा जुलुस मुनिसंध के सानिध्य में निकाला गया।जैन धर्म के चौबीसवें व अंतिम तीर्थंकर और वर्तमान शासन नायक भगवान महावीर का 2550 वां निर्वाण महा महोत्सव बड़ी ही श्रद्धा भक्ति व धूमधाम से मुनि सुश्रुत सागर महाराज व क्षुल्लक सुकल्प सागर महाराज के सानिध्य में मनाया गया। शहर के सभी जैन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना करते हुए भगवान महावीर को निर्वाण मोदक समर्पित किये गये। सभी मंदिरों में मोदक समर्पण करने के पश्चात् प्रातः साढ़े आठ बजे चंद्रप्रभु चैत्यालय से मुनि सुश्रुत सागर महाराज व क्षुल्लक सुकल्प सागर महाराज के परम पावन सानिध्य में तीन रथों में जिनेन्द्र भगवान की प्रतिमाएं विराजित कर जिनेन्द्र भगवान की नगर परिभ्रमण शोभायात्रा जुलुस रूप में निकाली गई। रथों को युवाओं द्वारा खींचा गया।शोभायात्रा में आगे दो धोड़ो पर ध्वज लिए बच्चे, ध्वज व मोदक लिए बालक बालिकाएं, विविध महिला समूहों द्वारा अष्ट प्रातिहार्य,सोलह स्वप्न, पंचकल्याणक व भगवान महावीर के पांच नाम,जैन रामायण, पाठशाला के बच्चों का जय दोष, पर्यावरण,बारह भावना के चित्रण सहित झांकी सजाई गई। धंटाधर के समीप विशेष फ्लैक्स बैनर पर भगवान महावीर स्वामी के 2550 वे निर्वाण महोत्सव के साथ भगवान महावीर का चित्र, आचार्य सुनील सागर महाराज का चित्र, आचार्य विधासागर महाराज का चित्र, मुनि सुश्रुत सागर महाराज का चित्र सहित क्षुल्लक सुकल्प सागर महाराज का चित्रण किया गया।
जुलूस देवगांव गेट स्थित चंद्रप्रभु चैत्यालय से प्रारंभ होकर विधासागर मार्ग से होती हुई धंटाधर,सदर बाजार,खिड़की गेट,अस्पताल मार्ग,अजमेरी गेट से पुनः धंटाधर होते हुए चंद्रप्रभु चैत्यालय पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। नगर परिभ्रमण पश्चात जिन प्रतिमाओं का रजत कलशों से कलशाभिषेक किया गया। भगवान महावीर स्वामी की सामूहिक संगीतमय पूजा की गई।
इस दौरान मुनि सुश्रुत सागर महाराज ने धर्मसभा को संबोधित किया। प्रवचन पश्चात् भगवान महावीर के 2550 वें निर्वाण महोत्सव पर बोली द्वारा चयनित मुख्य पात्रों सहित उपस्थित अन्य सभी श्रद्धालु श्रावक श्राविकाओं द्वारा विनय पूर्वक निर्वाण कांड का सामूहिक उच्चारण करते हुए भगवान महावीर के जयकारों के साथ 2550 मोदक भगवान महावीर को अर्पण किये व मंगल आरती की गई।प्रातः साढ़े छह बजे मुनि सुश्रुत सागर महाराज एवं क्षुल्लक सुकल्प सागर महाराज द्वारा वर्षायोग का निष्ठापन धार्मिक क्रियाओं द्वारा किया गया।केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी शत्रुघ्न गौतम एवं कांग्रेस के प्रत्याशी रधु शर्मा ने एवं नगर परिषद सभापति कमलेश साहू ने प्रवचन सभा के दौरान मुनिराज को श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया। दोनों ही प्रत्याशियो ने जुलुस के दौरान मुनिराज के दर्शन किए और जुलूस में शामिल हो मुनिराज के साथ चंद्रप्रभु चैत्यालय पहुंचे। दिगम्बर जैन समाज एवं वर्षायोग समिति के प्रवक्ता नरेश जैन ने बताया कि मुनि महाराज ‍के प्रवचन से पहले आचार्य विधासागर महाराज एवं आचार्य सुनील सागर महाराज के चित्र अनावरण,दीप प्रज्ज्वलन एवं मुनि सुश्रुत सागर महाराज के पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य राजीव कुमार रूपेश कुमार छाबड़ा परिवार को मिला। मुनि सुश्रुत सागर महाराज एवं क्षुल्लक सुकल्प सागर महाराज को समाज के मुख्य पात्रों द्वारा जिनवाणी भेंट की गई।

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