हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद किरोड़ी लाल मीना ने राजस्थान के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। भाजपा ने राजस्थान में 25 में से 11 सीटें खो दीं, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम है। इस गिरावट में कई कारक शामिल थे, जिनमें पार्टी के अंदरूनी संघर्ष, समुदाय के असंतोष और संगठनात्मक विफलताएँ शामिल थीं।
भाजपा के खराब प्रदर्शन का एक प्रमुख कारण जाट समुदाय में असंतोष था, खासकर शेखावाटी बेल्ट में, जो पार्टी के भीतर आंतरिक संघर्षों के कारण था। इसके अलावा, एक प्रमुख मंत्री पद से वंचित किए जाने के बाद मीना के हाशिए पर चले जाने से उनके अपने समुदाय में असंतोष पैदा हो गया, जिससे दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर और भरतपुर जैसे पर्याप्त मीना आबादी वाले क्षेत्रों में पार्टी के प्रदर्शन पर असर पड़ा।
लोकसभा चुनावों में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद राजस्थान के मंत्री पद से किरोड़ी लाल मीना का इस्तीफा पार्टी की आंतरिक गतिशीलता और रैंकों के भीतर संभावित असंतोष को उजागर करता है। इस तरह के कदम अक्सर चुनावी असफलताओं से निपटने के लिए पार्टी के भीतर आत्मनिरीक्षण और पुनर्गठन की आवश्यकता का संकेत देते हैं। यह भविष्य के चुनावों की तैयारी के दौरान सत्ता और जिम्मेदारियों के संभावित बदलाव का भी संकेत देता है।