दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर सस्पेंस गहराता जा रहा है। हालांकि, मंगलवार, 17 सितंबर को स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी। सोमवार, 16 सितंबर को आम आदमी पार्टी (AAP) की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) की बैठक आयोजित की गई, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा की गई। इस बैठक के बाद दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मीडिया को बताया कि अगले मुख्यमंत्री की घोषणा मंगलवार को की जाएगी। इसका औपचारिक ऐलान पार्टी के विधायक दल की बैठक के बाद किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुलाई PAC बैठक
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने PAC की बैठक बुलाई थी, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर गंभीर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, “कल शाम को हमें उपराज्यपाल (LG) से मिलने का समय मिला है, जिसके बाद नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा होगी। आज की बैठक में मौजूदा कैबिनेट के सभी मंत्री उपस्थित थे, और सभी से नए मुख्यमंत्री के लिए राय और सुझाव लिए गए। इसके बाद मंगलवार को विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें अंतिम निर्णय लिया जाएगा।”
मंत्रियों से हुई व्यक्तिगत चर्चा
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंत्रियों से व्यक्तिगत रूप से भी बातचीत की। इस ‘वन-टू-वन’ चर्चा का उद्देश्य यह था कि हर मंत्री अपने सुझाव स्वतंत्र रूप से दे सके, बिना किसी बाहरी प्रभाव या दूसरे के सुझावों की जानकारी के। हर मंत्री ने केवल अपना सुझाव दिया और इसका खुलासा अन्य मंत्रियों से नहीं किया गया। इससे पार्टी के भीतर एक स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित हो सकी।
केजरीवाल का इस्तीफे का ऐलान
इससे पहले, रविवार को अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया था कि वह अगले 48 घंटों के भीतर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे और दिल्ली में जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग करेंगे। केजरीवाल ने यह भी कहा कि जब तक जनता उन्हें “ईमानदारी का प्रमाणपत्र” नहीं देती, तब तक वह मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहेंगे। इस घोषणा के बाद से पार्टी में नए मुख्यमंत्री के नाम पर अटकलें तेज हो गई हैं।
AAP के विधायक दल की बैठक मंगलवार सुबह 11:30 बजे बुलाई गई है, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा होगी और फिर औपचारिक रूप से घोषणा की जाएगी। माना जा रहा है कि केजरीवाल के इस्तीफे के बाद AAP के भीतर एक नए नेता को दिल्ली का मुख्यमंत्री चुना जाएगा, जो पार्टी के नेतृत्व को आगे बढ़ाएगा।
इस पूरी प्रक्रिया पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि दिल्ली की राजनीति में यह एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।