उत्तर प्रदेश और बिहार: जानें कैसे बने IAS अधिकारियों की फ़ैक्टरी!

भारत में IAS अधिकारियों का केंद्र: उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे आगे

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में चयन होना न केवल एक प्रतिष्ठित करियर विकल्प है, बल्कि यह देश के लाखों युवाओं का सपना भी है। हर साल संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में लाखों उम्मीदवार भाग लेते हैं। यह परीक्षा न केवल कठिन है बल्कि इसके चयन का प्रतिशत भी बेहद कम है, जो इसे भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक बनाता है। भारत के कुछ राज्य, जैसे उत्तर प्रदेश और बिहार, IAS अधिकारियों की सबसे अधिक संख्या देने के लिए प्रसिद्ध हैं। इन राज्यों की विशेषताएं और प्रशासनिक सेवाओं के प्रति रुझान अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है।

उत्तर प्रदेश: IAS अधिकारियों का सबसे बड़ा स्त्रोत

उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य, सिविल सेवाओं में भी सबसे अधिक योगदान देता है। यहां से हर साल बड़ी संख्या में IAS अधिकारी निकलते हैं। इसके कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  1. विशाल जनसंख्या: उत्तर प्रदेश की बड़ी जनसंख्या के कारण यहां से सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या भी अधिक होती है। जनसंख्या के हिसाब से यह स्वाभाविक है कि यहां से अधिक IAS अधिकारी निकलते हैं।
  2. शैक्षिक संस्थान और कोचिंग का केंद्र: राज्य के प्रमुख शहर जैसे लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर में UPSC की तैयारी के लिए प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान मौजूद हैं। प्रयागराज को “कोचिंग नगरी” के नाम से भी जाना जाता है, जहां से कई उम्मीदवार IAS, IPS, और अन्य सिविल सेवाओं में सफल होते हैं। यह कोचिंग संस्थान और गहन शैक्षिक वातावरण उम्मीदवारों को तैयारी में बड़ी मदद करते हैं।
  3. ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रुझान: उत्तर प्रदेश में सिविल सेवाओं को एक सम्मानजनक और स्थायी करियर के रूप में देखा जाता है। चाहे ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र, दोनों ही क्षेत्रों के युवा सिविल सेवाओं की तरफ आकर्षित होते हैं। समाज में सिविल सेवकों को उच्च सम्मान प्राप्त होता है, जो युवाओं को इस ओर प्रेरित करता है।
  4. इतिहास और परंपरा: उत्तर प्रदेश का प्रशासनिक सेवाओं में योगदान का इतिहास भी गौरवपूर्ण रहा है। राज्य के पूर्व IAS अधिकारी उच्च पदों पर रहे हैं, जिन्होंने राज्य के युवाओं के लिए प्रेरणा का कार्य किया है।

बिहार: सिविल सेवाओं में उत्कृष्टता का दूसरा नाम

उत्तर प्रदेश के बाद, बिहार दूसरा ऐसा राज्य है जो IAS अधिकारियों की बड़ी संख्या देने के लिए जाना जाता है। हालांकि, बिहार में संसाधनों और सुविधाओं की कमी है, फिर भी यहां के युवाओं का सिविल सेवाओं में जाने का जुनून अत्यधिक है। बिहार के IAS अधिकारियों की सफलता की कहानी यह बताती है कि कठिनाइयों के बावजूद, दृढ़ संकल्प और मेहनत से बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।

  1. सख्त परिस्थितियों में भी सफलता: बिहार में शिक्षा और अन्य संसाधनों की सीमाएं हैं, लेकिन यहां के युवाओं की मेहनत और उनके सपने किसी से कम नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक, सिविल सेवाओं की तैयारी के लिए जुनून हर जगह देखने को मिलता है।
  2. कोचिंग संस्थानों की मौजूदगी: पटना, बिहार का शैक्षिक केंद्र है, जहां UPSC की तैयारी के लिए अनेक प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान मौजूद हैं। पटना का “बोर्लैंड रोड” UPSC की तैयारी के लिए एक प्रमुख स्थान माना जाता है, जहां से कई छात्र हर साल सिविल सेवा में सफल होते हैं।
  3. सामाजिक और पारिवारिक प्रेरणा: बिहार में सिविल सेवाओं को एक सम्मानजनक पेशे के रूप में देखा जाता है। यहां के परिवार सिविल सेवा की तैयारी को लेकर जागरूक होते हैं और अपने बच्चों को इस दिशा में प्रेरित करते हैं। समाज में IAS और IPS अधिकारियों को मिले उच्च सम्मान के कारण यहां के युवा इस दिशा में आगे बढ़ते हैं।

अन्य प्रमुख राज्य: राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र

उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा, अन्य कुछ राज्य जैसे राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र भी IAS अधिकारियों की अच्छी संख्या देते हैं। इन राज्यों में भी UPSC की तैयारी के लिए बेहतर शैक्षिक ढांचा, कोचिंग संस्थानों का प्रभाव, और प्रशासनिक सेवाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पाया जाता है।

  1. राजस्थान: राजस्थान से भी बड़ी संख्या में IAS अधिकारी निकलते हैं। जयपुर और जोधपुर जैसे शहरों में UPSC की तैयारी के लिए अच्छे संस्थान मौजूद हैं, जो राज्य के युवाओं को प्रेरित करते हैं।
  2. तमिलनाडु: दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु भी IAS अधिकारियों की अच्छी संख्या प्रदान करता है। यहां की शैक्षिक व्यवस्था, पारिवारिक समर्थन और कोचिंग संस्थान बड़ी भूमिका निभाते हैं।
  3. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना: इन राज्यों में भी सिविल सेवा की तैयारी के लिए माहौल अनुकूल है। यहां के युवा UPSC परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हैं और सफलताएं प्राप्त करते हैं।
  4. महाराष्ट्र: मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे शहर UPSC की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण केंद्र हैं। महाराष्ट्र से भी हर साल बड़ी संख्या में उम्मीदवार सिविल सेवाओं में सफल होते हैं।

IAS अधिकारियों की राज्यवार प्रतिशत वितरण

  • उत्तर प्रदेश: 20-25%
  • बिहार: 15-18%
  • राजस्थान: 5-8%
  • तमिलनाडु: 5-7%
  • आंध्र प्रदेश और तेलंगाना: 5-6%
  • महाराष्ट्र: 4-5%
  • पंजाब: 3-5%

सफलता का मंत्र: तैयारी, कड़ी मेहनत और धैर्य

UPSC सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए केवल किसी राज्य विशेष की भूमिका नहीं होती, बल्कि यह उम्मीदवार की व्यक्तिगत तैयारी, कड़ी मेहनत और मानसिक दृढ़ता पर निर्भर करता है। फिर भी, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में IAS के प्रति रुझान अधिक होने के कारण, यहां से निकलने वाले सिविल सेवकों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है।

यह स्पष्ट है कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए सही मार्गदर्शन, संसाधनों की उपलब्धता, और सामाजिक समर्थन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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