मुंबई में हुआ भीषण हादसा: नौसैनिक स्पीडबोट की टक्कर से 13 की मौत, देखिए वायरल वीडियो!

मुंबई हार्बर में दर्दनाक हादसा: नौसैनिक स्पीडबोट और फेरी की टक्कर में 13 की मौत

मुंबई हार्बर क्षेत्र में बुधवार शाम एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। एक भारतीय नौसैनिक स्पीडबोट ने एलीफेंटा द्वीप की ओर जा रही पर्यटक फेरी से टक्कर मार दी। यह दुर्घटना गेटवे ऑफ इंडिया से करीब 1.5 समुद्री मील (लगभग 2.8 किमी) दूर हुई। हादसे में 13 लोगों की जान चली गई, जिनमें एक नौसैनिक जवान और दो बोट निर्माण कंपनी के कर्मचारी शामिल थे। ये कर्मचारी समुद्र में एक परीक्षण कार्य के लिए मौजूद थे।

कैसे हुआ हादसा?

दुर्घटना शाम करीब 4 बजे बुचर आइलैंड के पास हुई। तेज गति से चल रही नौसैनिक स्पीडबोट ने “नीलकमल” नामक फेरी को जोरदार टक्कर मारी, जिससे फेरी जहाज पलट गया और डूब गया। हादसे के बाद बचाव कार्य शुरू हुआ, जिसमें पास के ट्रॉलर और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (जेएनपीटी) से पायलट बोट्स ने हिस्सा लिया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका कि फेरी ने कोई संकट संदेश (डिस्ट्रेस कॉल) भेजा था या नहीं।

प्रत्यक्षदर्शियों के बयान

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है, जिसे 25 वर्षीय गौतम गुप्ता ने रिकॉर्ड किया था। गुप्ता ने कहा, “मैं स्पीडबोट को स्टंट करते हुए रिकॉर्ड कर रहा था, जब अचानक उसने हमारी फेरी को जोरदार टक्कर मारी। टक्कर के प्रभाव से स्पीडबोट का एक यात्री हवा में उछलकर हमारे फेरी के डेक पर आ गिरा। उसका शरीर बुरी तरह क्षतिग्रस्त था। यह दृश्य बेहद डरावना था।”

गौतम गुप्ता और उनकी चचेरी बहन रिंता गुप्ता (30) इस हादसे में बच गए और वर्तमान में सेंट जॉर्ज अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। उनकी चाची और उनकी बेटी, जो उत्तर भारत से मुंबई घूमने आई थीं, अब भी लापता हैं।

जीवित बचे लोगों की आपबीती

इस हादसे में 9 लोग बचाए गए, जिनका इलाज सेंट जॉर्ज अस्पताल में किया जा रहा है। सभी की हालत स्थिर है। बचाव के दौरान, प्रत्येक यात्री ने लाइफ जैकेट पहनी हुई थी, जो उनकी जान बचाने में मददगार साबित हुई। हालांकि, बचे हुए लोगों ने बताया कि दुर्घटना के बाद फेरी के स्टाफ ने कोई निर्देश नहीं दिए। यात्री खुद ही घबराहट में लाइफ जैकेट पहनने लगे और अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाने लगे।

तकनीकी खराबी के कारण हुआ हादसा

यह हादसा एक तकनीकी खराबी के कारण हुआ। टक्कर मारने वाली स्पीडबोट, जो एक कठोर inflatable नाव (RIB) थी, उस पर छह लोग सवार थे। इनमें दो नौसैनिक और चार बोट निर्माण कंपनी के कर्मचारी शामिल थे। यह नाव समुद्र में इंजन परीक्षण कर रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो में दिखा कि नाव तकनीकी खराबी के कारण अपना रास्ता बदलने में असमर्थ थी और फेरी से तेज गति में टकरा गई।

मुख्यमंत्री की घोषणा और जांच के आदेश

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि घटना की गहराई से जांच की जाएगी। नौसेना ने इस मामले की जांच के लिए एक बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी (BOI) गठित किया है।

बचाव अभियान और चल रही जांच

घटनास्थल पर बचाव कार्य के लिए 11 बचाव नौकाएं और 6 हेलिकॉप्टर तैनात किए गए। बचाव अभियान के दौरान, चार लोग गंभीर रूप से घायल पाए गए। इनमें से कुछ को नौसैनिक और सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। गुरुवार तक बचाव अभियान की अंतिम रिपोर्ट आने की संभावना है। कोलाबा पुलिस स्टेशन में दुर्घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

स्थानीय नाविकों की शिकायतें

स्थानीय नाविकों ने आरोप लगाया कि नौसैनिक स्पीडबोट अक्सर फेरी के करीब तेज गति से चलती हैं, जिससे अस्थिरता और खतरा पैदा होता है। गेटवे ऑफ इंडिया पर काम करने वाले नाविक सुभाष मोरे ने कहा, “हमने कई बार नौसेना से यह अनुरोध किया है कि वे हमारी नावों से उचित दूरी बनाए रखें। लेकिन हमारी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया।”

भविष्य के लिए सबक

यह दुर्घटना समुद्री सुरक्षा प्रोटोकॉल और आपातकालीन बचाव उपायों में सुधार की जरूरत को उजागर करती है। इस घटना की जांच रिपोर्ट और इसके बाद उठाए गए कदमों पर सभी की नजरें टिकी हैं।

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