पढें दिलचस्प कविता, चुनावी चकल्लस

💥छत्तीसगढ़ी धमाका
शीर्षक – चुनावी चकल्लस


कुर्सी पाय बर नेता कैसे
चलत हावय चाल।
खोज खोज के नारी सबला
बांटत हेवय माल।।

जम्मो नेता हितवा होगे
डौकी सब के ओनली ,
मंनच्ड़ही डौकी साग नी रांधय
भात म देथे गोंदली।

सबो घर में धीरे-धीरे अब
राज चलही नारी के,
मतवार संगी मन कर्जा चुकाही
मार पीट अउ गारी के।

सरकार देवत हे नारी सबला
मकान राशन पेंशन,
जे मन ऐशने लाभ पाय ओकर
कम होगे हे टेंशन।

करोड़ो भाई पढ़ लिख के
घुमत हे लाचार,
सरकार घलो ठगवा बनके
बदल देथे बिचार।

नेतामन मिलके कुर्सी के
खेलत हावय खेल,
फंस के एमन के चक्कर म
दुख जनता ह झेल।


लेखक/ कवि/गीतकार
विजय कुमार कोसले
मु . नाचनपाली*
सारंगढ़, छत्तीसगढ़
मो.- 6267875476

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