
रिपोर्ट- डा.बीरेन्द्र सरोज आजमगढ
आजमगढ़ / जनपद से निकलने वाली तमसा नदी पर कृषि महाविधालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा द्वारा प्रातः स्वछता अभियान के तहत नदी की साफ सफाई की गई जिसमें पानी में से कचरा, पालिथीन, गुठके के रैपर, कांच की वोतल, सड़े हुए कपडे, जलकुम्भी एवं अन्य जलीय घास को महाविद्यालय के छात्रों, कर्मचारियों, प्राध्यापकों तथा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग करते हुए कचरे एवं जलकुम्भी को महाविधालय के ट्रेक्टर की ट्राली में भरकर महाविधालय लाया गया जिसका उपयोग नाडेप विधि से खाद बनाने में किया जायेगा महाविधालय के अधिष्ठाता प्रो. धीरेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि दिनों दिन पानी की कमी को देखते हुए जल सरक्षण करना एवं नदियों की साफ सफाई करना अत्यंत महत्वपूर्ण है जिससे सिंचाई एवं पीने योग्य जल की किल्लत नहीं होगी | प्रो. सिंह ने कहा कि कार्यक्रम को चलाने की प्रेरणा माननीय कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसन्धान मंत्री उत्तर प्रदेश श्री सूर्य प्रताप साही से मिली है | महाविधालय के अधिष्ठाता ने तमसा नदी के किनारे व आस पास निवास करने वाले निवासियों को इस अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि हमें पर्यावरण को कैसे स्वछ रखना है अगर हम अपने आस-पास के वातावरण को स्वछ रखेंगे , हम उतना ही स्वस्थ होंगे और बीमार नहीं होगे, तमसा नदी की साफ सफाई कार्यक्रम मे कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो धीरेन्द्र कुमार सिंह, डॉ अनिल कुमार सिंह, डॉ विमलेश कुमार, डॉ विनोद कुमार, डॉ प्रकाश यादव, डॉ विनीत प्रताप सिंह डॉ संदीप पांडे और महाविद्यालय के छात्र, कर्मचारी एवं कृषि विज्ञान केन्द्र कोटवा आजमगढ़ के वैज्ञानिक उपस्थित रहकर कार्यकर्म को पूर्ण किया महाविधालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्र कोटवा इस कार्यक्रम को भविष्य में भी चलाते रहेंगे साथ ही साथ जनपदवासियों को यह सन्देश देना चाहते है कि वह लोग नदियों को साफ एवं स्वच्छ रखें नदियों में कचरा, कूड़ा पॉलिथीन, पूजा पाठ की सामग्री ना डालें