
जिस देश मे आज़ादी के 75 साल बाद भी देश के 80 करोड़ लोगों को मात्र 5 किलो राशन
देश की सरकार को मुफ्त मे देने की ज़रूरत पड़ती हो,तो इसे गर्व का विषय कहेंगे,या शर्म का??
जिस देश मे तमाम सरकारें व राजनितिक पार्टियां व नेता ये ये प्रतिस्पधा करते हों की फलां पार्टी 5 किलो राशन फ्री दे रही है
हमारी सरकार बनी तो हम 10 किलो राशन फ्री देंगे,ऐसे देश का भविष्य क्या होगा??
ऐसे राजनितिक लोग या पार्टी सिर्फ और सिर्फ भ्र्ष्टाचार को पोसते हैँ,और देश की जनता को कोसते हैँ
जिस देश मे राजनितिक पार्टियों का विषय रोजगार,ग़रीबी,भ्र्ष्टाचार
स्वास्थ्य,शिक्षा,न्याय ना होकर के मुफ्त मे कुछ ना कुछ बाँटना हो ऐसा देश अच्छे हाथों मे नहीं है
अगर 2 साल के बच्चे से एक 50 रूपये का नोट देकर आप वापस मांगोगे तो वह उसको अपने तरीके से छुपायेगा,आपको देगा नहीं
तो मेरे दोस्तो ये नेता,ये मन्त्री,ये राजनितिक लोग कैसे आपको मुफ्त कुछ दे सकते हैँ??
देश के नागरिकों को चाहिए कि इन राजनितिक लोगों से कहें कि अरे “मामा तु हमें रोजगार दे,दे स्वास्थ्य,शिक्षा,न्याय दे,दे फिर हम तुझे ही मुफ्त मे 5 किलो राशन हर महीने दे दिया करेंगे”