जनपद न्यायाधीश श्री संजीव शुक्ला की अध्यक्षता मे न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन


आजमगढ़ 13 जुलाई– राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ द्वारा जनपद न्यायाधीश श्री संजीव शुक्ला की अध्यक्षता मे आज जनपद न्यायालय परिसर आजमगढ़ में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें न्यायिक अधिकारीगण, बैंक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण, न्यायालय के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ मा० जनपद न्यायाधीश श्री संजीव शुक्ला द्वारा दीप प्रज्जवलित करके तथा वाग्देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया गया। जनपद न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत आम आदमी के लिए उपलब्ध एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र है, जिसके माध्यम से विवाद का निपटारा निःशुल्क व त्वरित किया जाता है। लोक अदालत में दिया गया फैसला अन्तिम होता है, उसके खिलाफ किसी उपरी न्यायालय में अपील नहीं होती हैं। लोक अदालत में दिये गये फैसले सुलह-समझौते के आधार पर होते हैं, इसलिए पक्षकारों के बीच मतभेद भी समाप्त हो जाते है। इसमें न कोई जीतता है और न ही कोई हारता है। लोक अदालत में निस्तारण हेतु कुल 120454 वाद चिन्हित किये गये थे, जिसमें कुल 93629 वाद निस्तारित हुए तथा रू0 173458414 धनराशि का समझौता हुआ। प्रीलिटिगेशन स्तर पर 76590 तथा कोर्ट से 17039 दीवानी व फौजदारी वाद, राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित हुए।
माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ द्वारा कुल 07 वादों का निस्तारण किया गया। श्री अजय कुमार सिंह पीठासीन अधिकारी न्यायालय मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा कुल 113 वादों का निस्तारण किया गया। श्री पारूल श्रीवास्तव, अपर प्रधान न्यायाधीश न्यायालय संख्या-03 द्वारा 51 वादों का, श्रीमती संदीपा यादव, अपर प्रधान न्यायाधीश न्यायालय संख्या-02 द्वारा 30 वादों का, श्री प्रेम शंकर, अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय संख्या-01 द्वारा 47 वादों सहित कुल 128 वादों का पारिवारिक न्यायालय द्वारा निस्तारण किया गया। श्री सतीश चन्द्र द्विवेदी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0-01 द्वारा कुल 10 वादों का, श्री कमला पति-Ⅰ विशेष न्यायाधीश एस०सी०/एस०टी० एक्ट द्वारा कुल 08 वादों का, श्री राम नरायन विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट द्वारा कुल 04 वादों का, श्री जैनेद्र कुमार पाण्डेय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0- 03 द्वारा कुल 02 वादों का, श्री शैलेन्द्र निगम, विशेष न्यायाधीश ई०सी० एक्ट द्वारा कुल 346 वादों का, श्री अजय श्रीवास्तव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0-05 द्वारा कुल 10 वादों का, श्रीमती शैलजा राठी, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट नं0-01 द्वारा कुल 04 वादों का, श्री संतोष कुमार यादव अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0-06/ नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत द्वारा कुल 18 वादों का, श्री जैनुद्दीन अंसारी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफ०टी०सी०-01 द्वारा कुल 02 वादों का, श्री अरविन्द कुमार वर्मा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफ०टी०सी०-02 द्वारा कुल 04 वादों का निस्तारण किया गया। पारिवारिक न्यायालय द्वारा अलग रह रहे 24 दम्पत्तियों के वादों का निस्तारण कराकर उनको एक साथ रहने का तथा दम्पत्तियों को आशीर्वाद देकर व माला पहनाकर विदा किया गया। श्री सत्यवीर सिंह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा कुल 2682 वादों का निस्तारण किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री धनंजय कुमार मिश्रा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ द्वारा किया गया।

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