यूपी में पीएम आवास योजना का पैसा पाकर 11 विवाहित महिलाएं अपने प्रेमी के साथ भाग गईं

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में एक अजीबोगरीब और विवादास्पद मामला सामने आया है, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत 40,000 रुपये की पहली किस्त प्राप्त करने के बाद 11 विवाहित महिलाएं अपने प्रेमियों के साथ फरार हो गईं। यह सरकारी योजना गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को स्थायी घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई है।

क्या है पूरा मामला:

1.घटना का अवलोकन:

– यह मामला तब सामने आया जब संजय नाम के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी सुनिया के लापता होने की सूचना दी, जिसे पीएमएवाई फंड की पहली किस्त मिली थी। बाद की जांच में पता चला कि सुनिया 40,000 रुपये की किस्त लेकर किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ भाग गई थी।

– इस रिपोर्ट के बाद, महाराजगंज जिले के विभिन्न गांवों की महिलाओं के पीएमएवाई फंड प्राप्त करने के बाद इसी तरह के दस और मामले सामने आए।

2. पैमाना और प्रभाव:

महाराजगंज जिले में हाल ही में करीब 2,350 लाभार्थियों को पीएमएवाई योजना के तहत धनराशि मिली है।

जिले के खंड विकास अधिकारी ने इन महिलाओं द्वारा योजना के धन के दुरुपयोग की पुष्टि की है, जिससे वितरण प्रक्रिया की प्रभावशीलता और निगरानी पर चिंताएं पैदा हुई हैं।

3. अधिकारियों की प्रतिक्रिया:

महाराजगंज के जिला मजिस्ट्रेट अनुनय झा ने योजना के दुरुपयोग की निंदा की और कहा कि जिन लाभार्थियों ने इसका दुरुपयोग किया है, उनसे धन की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

प्रभावित परिवारों ने मांग की है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए योजना की भविष्य की किश्तें पतियों के खातों में स्थानांतरित की जाएं।

4.पिछली घटनाएं:

इस तरह के दुरुपयोग का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले, बाराबंकी जिले में भी इसी तरह चार महिलाएं पीएमएवाई फंड प्राप्त करने के बाद अपने प्रेमी के साथ भाग गई थीं, जो योजना के कार्यान्वयन में संभावित पैटर्न या खामियों का संकेत देता है।

संदर्भ और विश्लेषण:

पीएमएवाई योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आवास प्रदान करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल है, लेकिन इस तरह की घटनाएं फंड के उचित उपयोग को सुनिश्चित करने में चुनौतियों को उजागर करती हैं। प्रशासन की प्रतिक्रिया में दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़ी निगरानी और अधिक सख्त जांच शामिल होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, ऐसे मामले सरकारी योजनाओं के शोषण को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक गतिशीलता और जटिलताओं को संबोधित करने के महत्व को रेखांकित करते हैं।

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