
गाजियाबाद/ब्यूरो-चीफ सागर। इस – खबर के मुताबिक शादीशुदा लोगों को या यूँ कहें पति-पत्नी को 5000 रुपया महीना देगी केंद्र सरकार, अभी बिहार सरकार ने फरमान जारी किया कि बड़े भैया योजना के तहत बेरोजगारों को हर महीने एक रकम देगी बेरोजगारी भत्ते के रूप मे। किसानों के लिए 2000 रूपये – हर छमाई किश्त के रूप मे चल रही है योजना। सही मायनो मे यदि आप इन तमाम योजनाओं का अंकलन करेंगे तो पाएंगे कि कोई भी सरकार कोई भी मन्त्री कोई भी नेता – अपनी जेब से तो कुछ नहीं देने वाला?? बल्कि कड़वा सच तो ये है कि अपने-अपने तरीके से लूटने में माहिर हैं। तमाम राजनीतिक दल और नेता, इसमें कोई राजनीतिक पार्टी, कोई प्रति कोई मन्त्री या नेता अछूता नहीं है बल्कि सच तो ये है कि जितनी अधिक इस तरह की योजनाएं या स्कीम आती है इनके खुलासे बाद मे होते हैं कि फला योजना के अन्तर्गत इतने करोड़ का घोटाला हुआ या इतना बड़ा घोटाला फला पार्टी – या नेता ने किया। खैर, अब असल सवाल पर आते हैं जो हर किसी बुद्धिजीवी का आंकलन व विश्लेषण है और हमारे महापुरषों का भी कथन है कि जनता को ये भीख मत दो।
सरकार बड़े भैया योजना के तहत बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता आखिर सरकार ये भीख ना देकर देश के युवाओं के लिए रोजगार के आयाम क्यों नहीं खडे करती?? आखिर सरकार सरकारी खजाने मे से ही तो ये सब धन की बर्बादी करती है, और फिर ऐसी योजनाओं से मुफ्तखोरी की आदत भी लगना लाजमी है लोगों को, फिर चाहे इसमें बेरोजगार युवा हों, शादीशुदा लोग हों, या किसान, या अन्य लोग आप माने या ना माने इस तरहा देश को ना तो आत्मनिभर बनाया जा सकता है, ना ही देश को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सकता है, बल्कि इस से हर तरहा की हानि ही देश को हो रही है ये तमाम योजनाए देश को खोखला और आर्थिक रूप से कमज़ोर कर रही हैं, अगर सचमुच युवाओं के लिए कुछ करना चाहती है सरकार को मुफ्तखोरी की आदत ना डाल कर युवाओं के लिए ऐसी योजनाएं लानी चाहिएँ जिससे अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिले या आत्मनिभर बन सकें अगर आप पूरे वर्ड मे कहीं भी सर्च करेंगे तो कोई भी विकसित देश ऐसा नहीं मिलेगा जो अपने देश के लोगों और युवाओं को इस तरह के प्रलोभन देकर सत्ता मे रहना चाहते हों राजनीतिक लोग, या सत्ता मे आने के लिए इस तरहा के प्रलोभन का स्तेमाल करते हों ये बेहद चिन्ता का विषय और देश के लिए नासूर के समान है अगर किसी देश को बर्बाद करना हो तो उस देश के युवा को बेरोजगार कर दो और लोगों को मुफ्त मे सब लेने की आदत डाल दो, और यही हमारे देश के राजनीतिक लोग कर रहे हैं प्रति व्यक्ति यदि सरकार 1000 रूपये भी में दे रही है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कुल कितने अरबों रुपया बर्बाद हो रहा है, और यहाँ तो फी मे देने के लिए खजाने खोल दिए जाते हैं। भले ही खजाने तो पहले ही नेताओ ने खाली कर रखे हैं, कड़वा सच ये है कि सबकुछ हम बाहर के कर्जे से कर रहे हैं ये शान- शौकत, ये दुनिया भर के ठाठ राजनीतिक लोगों के सब देश को और कर्जे में डुबो रहा है। आम आदमी को तो स्वास्थ्य, न्याय, शिक्षा तक फ्री मे नहीं मिलता इस देश मे, फिर ये हर महीने 5000/ हर छमाई किसानो को 2000/ समझ के परे हैं।