गंगाजल परियोजना के कार्यों में गड़बड़झाला करने वाले अधिकारी और कार्यदाई एजेंसियों की कसी नकेल
विद्युत निगम के अधिकारियों को भी दी गई हिदायत, किसानों के पंजीकरण की प्रक्रिया को और सुगम बनाए जाने के निर्देश
मुख्य सचिव के अधिकारियों को मिले आदेश, संगठन के नेताओं ने बलदेव कार्यालय पर मिष्ठान वितरण की प्रसन्नता व्यक्त
राजकुमार गुप्ता, ब्यूरो चीफ मथुरा :
मथुरा: भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) की अर्जी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 72 घंटे से भी कम समय में बड़ा एक्शन लिया है। गंगाजल परियोजना के कार्यों में गड़बड़झाला कर रहे अधिकारी और कार्यदाई एजेंसियों की नकेल कस दी और खोदी गई सड़कों की तय मानक के अनुसार मरम्मत करने के साथ ही दस साल तक उनका रखरखाव करने का उत्तरदायित्व भी कार्यदाई एजेंसियों को सौंप दिया। इतना ही नहीं सीएम ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर, कहीं पर कोई कमी मिली तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
फसलों की सिंचाई के लिए ट्यूबवेल, नलकूप संचालन पर खर्च होने वाली बिजली को मुफ्त करने के लिए किसानों के रजिस्ट्रेशन में विद्युत निगम के अधिकारियों ने लगाई मनमानी शर्त लगा रखी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस प्रक्रिया को सरल बनाने के निर्देश जारी किए है । हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) की 13 सदस्यीय समिति ने अपनी 23 सूत्रीय मांगों को लेकर एक प्रार्थना पत्र दिया था। इसके तुरंत बाद लखनऊ में ही मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ यूनियन की बैठक हुई ।
भाकियू (अराजनैतिक) के मंडल अध्यक्ष राजकुमार तोमर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यूनियन की दो प्रमुख मांगों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता दिखाई और साथ ही यह भी आदेश जारी कर दिया कि गंगाजल जल परियोजना के अंतर्गत गांव – गांव बिछाई जा रही पाइप लाइन का कार्य एचडी मशीनों से किया जाना था। जल जीवन मिशन में एजेंसियों से यही अनुबंध हुआ था। मगर, धनराशि बचाने के लिए मैनुअल कार्य कराया गया। अधिकारियों से लेनदेन कर अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिए गए। सड़कों को क्षतिग्रस्त ही छोड़ दिया गया। इससे ग्रामीणों और किसानों को बेहद तकलीफ उठानी पड़ रही है। जो बर्दाश्त के बाहर है।
भाकियू नेता तोमर ने बताया कि खोदाई से जो सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, उनकी मरम्मत कार्यदाई एजेंसियों को ही तत्काल तय मानक के अनुसार करानी होगी और दस साल तक उनका रखरखाव करना होगा। हालांकि इससे पहले यूनियन इसी मामले की एक शिकायत सांसद हेमामलिनी से भी की थी। इधर, विद्युत निगम के अधिकारी किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने के लिए उनका पंजीकरण कर रहे है। वह किसानों को अनावश्यक तंग कर रहे थे। उनके ऊपर भी मुख्यमंत्री ने अंकुश लगाने के साथ ही इसे और सरल बनाने के आदेश जारी किया है। कहा कि पंजीकरण के समय किसानों से उनके घरों के बिजली बिलों की मांग न की जाए। भाकियू नेता राजकुमार तोमर ने बताया कि किसानों को लगातार विद्युत की आपूर्ति करने के लिए भी मुख्यमंत्री ने कहा है।
आदेश दिए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों मे स्कूल समय बिजली कटौती न की जाए। ऐसा किया गया तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तय है। मुख्य सचिव ने इस आदेश की एक प्रति यूनियन को भी भेजी है। यह आदेश को प्राप्त होते ही आज बलदेव स्थित यूनियन के कार्यालय पार मंडल अध्यक्ष राजकुमार तोमर ने कार्यकर्ताओं को मिष्ठान खिलाकर यूनियन की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि किसान, मजदूर और ग्रामीणों का नौकरशाहों के द्वारा शोषण नहीं करने दिया जाएगा। उनकी समस्या का निस्तारण करना संगठन की प्राथमिकता है।