मध्य प्रदेश : दुनियाभर में कई प्रथाएं हैं जो न केवल अनुचित लगती हैं, बल्कि सुनने पर व्यक्ति को सोचने पर मजबूर भी करती हैं। ऐसी ही एक प्रथा मध्यप्रदेश के शिवपुरी में आज भी प्रचलित है। यह जानकर हैरानी होगी कि यहां पुरुष महिलाओं की बोली लगाकर उन्हें तय समय के लिए किराए पर ले सकते हैं और इसके लिए बाकायदा एग्रीमेंट भी करते हैं। यह प्रथा कुंवारी लड़कियों से लेकर शादीशुदा महिलाओं तक को शामिल करती है, जिसे ‘धड़ीचा’ प्रथा कहा जाता है।
क्या है ‘धड़ीचा’ प्रथा?
मध्यप्रदेश के शिवपुरी में प्रचलित इस प्रथा के तहत दूसरों की बहू-बेटियां किराए पर ली जा सकती हैं। हर साल एक तय समय पर मंडी लगाई जाती है जहां दूर-दूर से पुरुष इन औरतों और लड़कियों को किराए पर लेने के लिए आते हैं। हैरानी की बात यह है कि इस मंडी में कुंवारी लड़कियों से लेकर शादीशुदा महिलाओं तक को किराए पर दिया जाता है। पुरुष महिला का चाल-चलन देखकर उसका दाम लगाते हैं और पसंद आने पर 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के स्टांप पेपर पर करार करके एक निश्चित समय के लिए महिला को ले जाते हैं। इस एग्रीमेंट में दोनों पक्षों की शर्तें भी लिखी होती हैं।
कीमत 15 हजार से शुरू
इस मंडी में महिलाओं की कीमत 15 हजार रुपये से शुरू होती है और यह कीमत 4 लाख रुपये तक भी जा सकती है। पुरुष महिला की कीमत लगाकर एक साल या उससे कम समय के लिए महिला को अपने घर ले जाते हैं।
क्या दोबारा बन सकता है एग्रीमेंट?
अगर किसी पुरुष को महिला पसंद आ जाती है और वह उसके साथ अधिक समय बिताना चाहता है, तो उसे फिर से मंडी में जाकर नया एग्रीमेंट बनवाना होता है और फिर से रकम अदा करनी होती है। इसके बाद वह फिर से कुछ समय के लिए उसी महिला को किराए पर ले सकता है।
पुरुष महिलाओं को क्यों किराए पर लेते हैं?
पुरुष अपनी अलग-अलग आवश्यकताओं के लिए महिलाओं को किराए पर लेते हैं। कुछ अपनी मां की सेवा के लिए, तो कुछ शादी का दिखावा करने के लिए। इसके अलावा, अगर किसी की शादी नहीं हुई है, तो वह कुछ समय किराए पर ली गई महिला के साथ बिता सकता है।
क्या महिला एग्रीमेंट तोड़ सकती है?
महिला को एग्रीमेंट तोड़ने का पूरा अधिकार है। अगर वह रिश्ते में खुश नहीं है, तो अपने करार को बीच में तोड़ सकती है। इसके लिए उसे स्टांप पेपर पर शपथपत्र देना होता है और तय राशि खरीदार को लौटानी होती है। कई बार महिलाएं दूसरे पुरुष से अधिक रकम मिलने पर भी ऐसा करती हैं।