चीन का बढ़ता प्रभाव और रणनीतिक हस्तक्षेप भारत के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, खासकर जब बात पड़ोसी देशों की हो। चीन अपने आर्थिक और राजनीतिक ताकत का उपयोग करके दक्षिण एशियाई देशों में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। यह भारत के लिए भू-राजनीतिक चुनौतियां पैदा कर सकता है। आइए जानें कि चीन किस तरह से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों को प्रभावित कर रहा है:
1. पाकिस्तान
चीन और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद मजबूत हैं, जिसे अक्सर “ऑल-वेथर फ्रेंड्स” कहा जाता है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) इस रिश्ते का एक बड़ा उदाहरण है। इस परियोजना के तहत चीन पाकिस्तान में बुनियादी ढांचे में भारी निवेश कर रहा है, जिसमें सड़कें, रेलवे, और बंदरगाह शामिल हैं। इससे पाकिस्तान पर चीन की निर्भरता बढ़ी है और चीन को हिंद महासागर तक पहुंच मिली है।
2. बांग्लादेश
बांग्लादेश में चीन का आर्थिक प्रभाव बढ़ता जा रहा है। चीन ने बांग्लादेश में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश किया है, जिसमें पायरा बंदरगाह, पावर प्लांट और सड़कों का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, बांग्लादेश में सैन्य उपकरणों की आपूर्ति में भी चीन की प्रमुख भूमिका है।
3. नेपाल
चीन नेपाल में बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। चीन ने नेपाल में सड़कों, पुलों, और हाइड्रोपावर परियोजनाओं में निवेश किया है। इसके साथ ही, चीन और नेपाल के बीच व्यापार और पर्यटन के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ा है।
4. श्रीलंका
श्रीलंका में भी चीन का प्रभाव स्पष्ट है। हंबनटोटा बंदरगाह का नियंत्रण चीन के पास है, जिसे उसने 99 साल के लिए लीज पर लिया है। इसके अलावा, चीन ने श्रीलंका में कई अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश किया है, जिससे चीन को भारतीय महासागर में रणनीतिक लाभ मिलता है।
5. मालदीव
मालदीव में भी चीन ने बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश किया है। चीन ने मालदीव में हुलहुमाले द्वीप के विकास, हवाई अड्डा विस्तार, और अन्य परियोजनाओं में निवेश किया है। इससे मालदीव पर चीन की आर्थिक निर्भरता बढ़ी है।
6. म्यांमार
म्यांमार में भी चीन का आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव बढ़ रहा है। चीन ने म्यांमार में सड़क, रेलवे, और पाइपलाइन परियोजनाओं में निवेश किया है। इसके अलावा, म्यांमार की प्राकृतिक संसाधनों के दोहन में भी चीन की महत्वपूर्ण भूमिका है।
चीन के इन सभी देशों में बढ़ते प्रभाव से भारत के लिए कई चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं। चीन की रणनीतिक चालें भारत को अपने क्षेत्रीय हितों और सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता दर्शाती हैं। भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ मजबूत कूटनीतिक और आर्थिक संबंध बनाने की दिशा में प्रयास जारी रखने होंगे ताकि इस क्षेत्र में संतुलन बना रहे।