बांग्लादेश हिंसा पर सद्गुरु का बयान : बांग्लादेशी हिन्दुओं की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए

बांग्लादेश में हाल के दिनों में छात्रों के आरक्षण विरोधी प्रदर्शन ने अचानक हिंसक रूप ले लिया। इसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देकर भारत का रुख किया। खबरें हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं को भी निशाना बनाया जा रहा है, जिससे भारत में सतर्कता बढ़ गई है।

ईशा फाउंडेशन के आध्यात्मिक नेता सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बुधवार को भारत सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया। बांग्लादेशी मीडिया ने रिपोर्ट किया कि भीड़ ने हिंदुओं के घरों और व्यवसायों पर हमला किया और कम से कम 27 जिलों में लूटपाट की।

यह प्रतिक्रिया तब आई है जब योग गुरु रामदेव ने मंगलवार को बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों, मंदिरों और व्यवसायों पर हमलों की निंदा की और केंद्र से हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह किया।

सद्गुरु ने कहा कि हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार बांग्लादेश का मात्र आंतरिक मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने पड़ोस में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खड़े नहीं होंगे, तो भारत कभी महा-भारत नहीं बन सकता।

सद्गुरु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक समाचार रिपोर्ट साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन लोगों की रक्षा करें जो हमारी सभ्यता का हिस्सा हैं।

डेली स्टार ने रिपोर्ट किया कि बांग्लादेश के लालमोनिरहाट सदर उपजिला में सोमवार शाम को भीड़ ने लालमोनिरहाट पूजा उडजापान परिषद के सचिव प्रदीप चंद्र रॉय के घर में तोड़फोड़ और लूटपाट की।

रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ ने थाना रोड पर जिले के पूजा उद्योग परिषद के नगरपालिका सदस्य मुहिन रॉय की कंप्यूटर दुकान में भी तोड़फोड़ और लूटपाट की। इसके अलावा, जिले के कालीगंज उपजिला के चंद्रपुर गांव में चार हिंदू परिवारों के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हातिबंधा उपजिला के पुरबो सरदुबी गांव में कल रात 12 हिंदुओं के घरों में आग लगा दी गई।

रामदेव ने इन सुनियोजित हमलों को शर्मनाक और खतरनाक बताया और भारत से इनसे बचाव के लिए हरसंभव कदम उठाने का आह्वान किया। रामदेव ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि भारत को सतर्क रहना होगा ताकि हमारे हिंदू भाइयों की माताओं, बहनों और बेटियों का सम्मान सुरक्षित रहे। उन्होंने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि हमने बांग्लादेश के निर्माण में मदद की थी और अब हमें वहां रहने वाले हिंदुओं की रक्षा करनी चाहिए।

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