हिंडनबर्ग ने SEBI और अडानी ग्रुप पर नए आरोप लगाए: SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर उठाए सवाल
हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसने पहले अडानी ग्रुप को निशाने पर लिया था, ने इस बार सीधे मार्केट रेगुलेटर SEBI पर हमला बोला है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि SEBI की चेयरपर्सन, माधबी पुरी बुच, अडानी ग्रुप के साथ मिली हुई हैं, जिसके चलते 18 महीने बाद भी अडानी ग्रुप के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस खुलासे की जानकारी हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी।
हिंडनबर्ग के अनुसार, माधबी पुरी बुच ने SEBI की होलटाइम मेंबर और चेयरपर्सन के रूप में 2017 से 2022 के बीच अडानी घोटाले में कथित तौर पर शामिल ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी रखी थी। आरोप है कि उन्होंने सिंगापुर स्थित अगोरा पार्टनर्स नाम की एक कंसल्टिंग फर्म में 100% हिस्सेदारी रखी थी, जिसे उन्होंने 16 मार्च, 2022 को SEBI चेयरपर्सन बनने से ठीक दो हफ्ते पहले अपने पति धवल बुच के नाम कर दिया।
हिंडनबर्ग ने यह भी दावा किया है कि माधबी पुरी बुच के पति धवल बुच का ऑबसक्योर ऑफशोर फंड्स में हिस्सा था, जिसका इस्तेमाल अडानी ग्रुप के धन के हेरफेर में किया गया। हिंडनबर्ग के अनुसार, इस घोटाले के बारे में जानकारी होने के बावजूद SEBI ने पिछले 18 महीनों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उल्टा, जून 2024 में SEBI ने हिंडनबर्ग को ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि धवल बुच को 2019 में ब्लैकस्टोन में सीनियर एडवाइजर के रूप में नियुक्त किया गया था, जबकि उनके प्रोफेशनल बैकग्राउंड में रियल एस्टेट या कैपिटल मार्केट का कोई अनुभव नहीं था। हिंडनबर्ग के मुताबिक, धवल बुच ने अपना करियर प्रोक्योरमेंट और सप्लाई चेन में बिताया, खासकर यूनिलीवर में चीफ प्रोक्योरमेंट ऑफिसर के रूप में।
ध्यान दें: हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर न्यूजलाइन पुष्टि नहीं करता है।