गुजरात में भारी बारिश के चलते जानमाल के नुकसान का सिलसिला जारी है। बीते चार दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 21 और लोगों की मौत हो गई है, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 28 हो गई है। इन मौतों में से 13 लोग पानी में डूबने से, 13 मकान गिरने जैसी घटनाओं में और दो लोगों की जान पेड़ गिरने के कारण गई है। राज्य के कई हिस्सों में बुधवार को लगातार चौथे दिन भी भारी बारिश हुई, जिसके कारण बाढ़ प्रभावित इलाकों से 17,800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
पुलिस के अनुसार, मरने वालों में वे सात लोग भी शामिल हैं जो रविवार को मोरबी जिले के हलवद तालुका के धवना गांव के पास एक पुल पार करते समय ट्रैक्टर ट्रॉली के बह जाने के बाद लापता हो गए थे। इस पुल के ऊपर से तेज़ पानी का बहाव हो रहा था, और बाद में इनके शव बरामद किए गए। वडोदरा में, भले ही बारिश थम चुकी है, लेकिन शहर से होकर बहने वाली विश्वामित्री नदी का पानी तटों को तोड़ते हुए आवासीय इलाकों में प्रवेश कर गया, जिससे निचले इलाकों में जलजमाव हो गया और इमारतें, सड़कें और वाहन पानी में डूब गए।
गुजरात के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी रहने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बातचीत की और स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने राज्य को केंद्र की ओर से हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। बुधवार को सौराष्ट्र क्षेत्र के देवभूमि द्वारका, जामनगर, राजकोट और पोरबंदर जैसे जिलों में शाम 6 बजे तक 12 घंटे की अवधि में 50 मिलीमीटर से लेकर 200 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई। इस दौरान देवभूमि द्वारका जिले के भानवद तालुका में सबसे अधिक 185 मिलीमीटर बारिश हुई।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को भी सौराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। वडोदरा में, जहां लोग अपने घरों और छतों में फंसे हुए थे, उन्हें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), और सेना की तीन टुकड़ियों ने बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। वडोदरा में अब तक 5,000 से अधिक लोगों को बचाया गया है, और बुधवार को वहां सेना की तीन अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गईं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जैसे ही बाढ़ का पानी कम हो, वडोदरा में सफाई अभियान शुरू किया जाए और कीटाणुनाशक का छिड़काव किया जाए। उन्होंने इसके लिए अहमदाबाद, सूरत, भरूच और आणंद की नगरपालिकाओं से टीमों को वडोदरा भेजने का आदेश दिया है। उन्होंने वडोदरा में राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए एनडीआरएफ की पांच अतिरिक्त टीमों और सेना की चार टुकड़ियों को भी तैनात करने का निर्देश दिया है। साथ ही, अहमदाबाद और सूरत से अतिरिक्त बचाव नौकाएं भी भेजी जा रही हैं।
सेना, भारतीय वायुसेना और तटरक्षक बल भी राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। अब तक लगभग 17,800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और 2,000 से अधिक लोगों को बचाया गया है। बीते चार दिनों में राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कुल 28 लोगों की मौत हो चुकी है। ये मौतें राजकोट, आणंद, महिसागर, खेड़ा, अहमदाबाद, मोरबी, जूनागढ़ और भरूच जिलों में हुई हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से टेलीफोन पर बात कर राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली और कहा कि केंद्र सरकार गुजरात की पूरी सहायता करेगी। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और गुजरात के लोगों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार से हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, गुजरात में अब तक औसत वार्षिक वर्षा का 105 प्रतिशत हो चुका है। बुधवार सुबह 6 बजे समाप्त 24 घंटे की अवधि में सौराष्ट्र के कई जिलों में भारी बारिश हुई। इस दौरान देवभूमि द्वारका जिले के खंभालिया तालुका में 454 मिलीमीटर, जामनगर शहर में 387 मिलीमीटर और जामजोधपुर तालुका में 329 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। राज्य के 251 तालुकाओं में से 13 में 200 मिलीमीटर से अधिक और 39 में 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई।
राज्य में 140 जलाशय और बांध के साथ 24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे यातायात और रेलगाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। पश्चिमी रेलवे के अहमदाबाद मंडल ने बताया कि 48 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, 14 आंशिक रूप से रद्द की गईं और छह को बीच में ही रोका गया है, जबकि अन्य 23 रेलगाड़ियों के मार्ग बदले गए हैं।