कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में एक वीडियो साझा किया, जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो देखकर कोई भी व्यक्ति मुस्कान से भर जाएगा और इस अनोखी घटना की तारीफ किए बिना नहीं रह पाएगा। इस वीडियो का मुख्य आकर्षण केरल के मुख्य सचिव डॉ. वी. वेणु की सेवानिवृत्ति के बाद की एक भावुक और अद्वितीय घटना है, जहां उन्होंने अपने पद को औपचारिक रूप से अपनी पत्नी को सौंपा। यह न केवल एक पद का हस्तांतरण था, बल्कि एक ऐसा दृश्य था जो भारतीय प्रशासनिक सेवा के इतिहास में शायद ही कभी देखा गया हो।
वीडियो में, डॉ. वी. वेणु को अपने पद की जिम्मेदारियों से मुक्त होते हुए देखा जा सकता है। सेवानिवृत्ति के सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद, वे एक गुलदस्ता लेकर अपनी पत्नी शारदा मुरलीधरन के पास जाते हैं, जो उनकी उत्तराधिकारी और केरल की नई मुख्य सचिव नियुक्त हुई हैं। वेणु मुस्कराते हुए कैमरे के सामने गुलदस्ता अपनी पत्नी को सौंपते हैं, और यह क्षण इतना अद्वितीय और हृदयस्पर्शी है कि इसे देखकर कोई भी वाह-वाह किए बिना नहीं रह सकता।
यह औपचारिक हैंडओवर सेरेमनी तिरुवनंतपुरम सचिवालय में संपन्न हुई, जो इस प्रकार की घटनाओं का गवाह बना। डॉ. वी. वेणु और उनकी पत्नी शारदा मुरलीधरन दोनों ही 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। हालांकि, वेणु अपनी पत्नी से कुछ महीने वरिष्ठ थे, और इसीलिए वे पहले सेवानिवृत्त हो गए। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद, वरिष्ठता के क्रम में उनकी पत्नी शारदा मुरलीधरन को केरल की मुख्य सचिव का पद सौंपा गया।
शशि थरूर ने इस वीडियो को साझा करते हुए टिप्पणी की कि यह भारत में अपनी तरह का पहला मामला हो सकता है। थरूर ने इस घटना की सराहना करते हुए इसे एक अनोखा और प्रेरणादायक पल बताया। उन्होंने कहा कि भारत में संभवतः यह पहली बार हुआ है जब किसी राज्य के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए व्यक्ति ने अपने ही जीवनसाथी को पद हस्तांतरित किया हो। यह घटना न केवल एक ऐतिहासिक पल है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे एक दंपति ने अपने पूरे करियर को एक साथ बिताया और एक दूसरे के सम्मान में अपने पेशेवर जीवन के इस महत्वपूर्ण पल को साझा किया।
वीडियो को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं और इसे देशभर में काफी सराहा जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इस जोड़ी की प्रशंसा कर रहे हैं और इसे एक प्रेरणादायक उदाहरण मान रहे हैं। मुख्य सचिव बनीं शारदा मुरलीधरन ने इस अवसर पर कहा कि यह क्षण उनके लिए थोड़ा असामान्य और भावुक है, क्योंकि उन्हें अपने ही पति को विदा करना पड़ा। उन्होंने यह भी साझा किया कि वेणु और उन्होंने 34 वर्षों तक सिविल सेवा में एक साथ काम किया है, और कभी नहीं सोचा था कि वे इस तरह से अलग-अलग समय पर अपनी सेवा से निवृत्त होंगे। शारदा मुरलीधरन को अभी भी 8 महीने की सेवा करनी है, जबकि उनके पति पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
यह पूरी घटना न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि यह भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए भी एक अनूठा और प्रेरणादायक उदाहरण है।