स्टेट हेड मनोज कुमार शर्मा :
मैनपुरी।सुदिती ग्लोबल एकेडमी, मैनपुरी में आज एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विधिक साक्षरता शिविर के अंतर्गत ‘न्याय चला निर्धन से मिलने‘ नामक इस कार्यक्रम का उद्देश्य आम जनता को कानूनी जानकारी से अवगत कराना था।
मैनपुरी के विख्यात विद्यालय सुदिती ग्लोबल एकेडमी में आज एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय अपर जिला न्यायाधीश श्री कमल सिंह द्वारा की गई। कार्यक्रम के सम्माननीय अतिथियों में माननीय सिविल जज (जूनियर डिवीजन) सुश्री रश्मि सिंह एवं श्री जितेन्द्र कुमार थे। विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राम मोहन, प्रशासनिक प्रधानाचार्य डा. कुसुम मोहन एवं विद्यालय के प्रबंध निदेशक डॉ. लव मोहन ने सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत एवं सम्मान किया।
माननीय श्री कमल सिंह ने अपना कैरियर 2009 में मेरठ से प्रारम्भ किया एवं वर्तमान में मैनपुरी जनपद में अपर जिला न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हैं।
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अन्तर्गत आयोजित हुए विधिक साक्षरता शिविर में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई, जिसमें पौष्टिक आहार, मौलिक अधिकार, कानूनी सहायता, महिला अधिकार, बाल अधिकार, उपभोक्ता अधिकार, श्रम कानून, पर्यावरण कानून और साइबर कानून शामिल थे। इस अवसर पर विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्थानीय निवासियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और कानूनी जानकारी प्राप्त की।
माननीय अपर जिला न्यायाधीश श्री कमल सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मना रहे हैं। हम सभी को यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हमारा स्वास्थ्य ही हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है। पोषण हमारे समग्र कल्याण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो हमारे ऊर्जा स्तर, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और यहां तक कि हमारी भावनात्मक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। हम जो खाते हैं, वह हमारे महसूस करने के तरीके को कैसे प्रभावित करता है। आइए हम सभी इस सप्ताह के दौरान ही नहीं, बल्कि जीवनभर अपने और अपने प्रियजनों के लिए पोषण को प्राथमिकता देने का संकल्प लें।
उन्होंने आगे कहा कि कानूनी जागरूकता एक लोकतांत्रिक समाज की नींव है। जब नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों को जानते हैं, तब वे अपने और दूसरों के हितों की बेहतर रक्षा कर सकते हैं। आज का यह कार्यक्रम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा न्याय तंत्र सभी के लिए खुला है, लेकिन अक्सर जानकारी की कमी के कारण लोग अपने अधिकारों का लाभ नहीं उठा पाते। इस तरह के शिविर इस अंतर को पाटने में मदद करते हैं।
माननीय सिविल जज सुश्री रश्मि सिंह ने अपने संबोधन में स्कूल स्तर से ही कानूनी शिक्षा शुरू करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, युवा पीढ़ी को कानून की बुनियादी समझ होनी चाहिए। यह उन्हें बेहतर नागरिक बनने में मदद करेगी। मुझे खुशी है कि सुदिती ग्लोबल एकेडमी ने इस महत्वपूर्ण विषय पर ध्यान दिया है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे न केवल अपने अधिकारों के बारे में जानें, बल्कि अपने कर्तव्यों को भी समझें और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों ने इस पहल की सराहना की और कहा कि यह उनके लिए बेहद उपयोगी और ज्ञानवर्धक रहा। उन्होने कहा कि मुझे नहीं पता था कि हमारे पास इतने सारे कानूनी अधिकार हैं। यह जानकर अच्छा लगा कि अगर कभी मुझे या मेरे परिवार को न्याय की जरूरत पड़े, तो हम कहां जा सकते हैं। स्थानीय निवासियों ने कहा ऐसे कार्यक्रम बहुत जरूरी हैं। हम अक्सर अपने अधिकारों से अनजान रहते हैं। आज हमें कई ऐसी बातें पता चलीं जो मेरे रोजमर्रा के जीवन में काम आएंगी।
कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए, सुदिती ग्लोबल एकेडमी के प्रधानाचार्य डॉ. राम मोहन ने घोषणा की कि वे इस तरह के कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य है कि हमारे छात्र न केवल शैक्षणिक रूप से उत्कृष्ट हों, बल्कि वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक नागरिक भी बनें। हम आने वाले महीनों में और अधिक विशेषज्ञों को आमंत्रित करेंगे ताकि विभिन्न कानूनी पहलुओं पर गहन चर्चा हो सके।
न्याय चला निर्धन से मिलने कार्यक्रम ने स्पष्ट किया कि कानूनी जागरूकता समाज के हर वर्ग के लिए आवश्यक है। यह पहल न केवल लोगों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करती है, बल्कि उन्हें न्याय प्रणाली तक पहुंच में आने वाली बाधाओं को दूर करने में भी मदद करती है। ऐसे कार्यक्रमों का लक्ष्य एक ऐसा समाज बनाना है जहां हर नागरिक अपने अधिकारों के प्रति सचेत हो और जहां न्याय तक पहुंच सभी के लिए सुलभ हो।
विद्यालय की प्रशासनिक प्रधानाचार्य डा कुसुम मोहन ने कहा कि सुदिती ग्लोबल एकेडमी द्वारा की गई यह पहल निश्चित रूप से इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्यक्रम हमें याद दिलाता है कि कानूनी ज्ञान सिर्फ वकीलों या न्यायाधीशों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। एक जागरूक और शिक्षित समाज ही एक मजबूत लोकतंत्र की गारंटी है।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की प्रशासनिक प्रधानाचार्य डा0 कुसुम मोहन के कुशल निर्देशन में प्राइमरी कोऑर्डीनेटर प्रणिता सिंह ने किया।