क्लस्टर आवास में दरारें, बिना मकान बने थमा दी गृह प्रवेश की चाबी।
रिपोर्ट – संवाददाता राजन जायसवाल सोनभद्र।
सोनभद्र – पीएम शहरी आवास योजना जहां कम आय वर्ग के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। ग्राम पंचायतों में इसको लेकर शिकायतें तेजी से बढ़ने लगी हैं। हालत यह है कि नव सृजित ब्लाक कोन के ग्राम पंचायत कुड़वा में पात्र होते हुए भी पांच साल से आवास के लिए भटक रहे लाभार्थी का मसला अनसुलझा तो है ही, वहीं कुड़वा ग्राम पंचायत में लाभार्थियों के खाते से धन की निकासी कराकर नगद ऑनलाइन ट्रांसफर लेने, क्लस्टर आवास पूर्ण होने से पहले ही दरारें पड़ने, बगैर आवास निर्माण, लाभार्थी को गृहप्रवेश की चाभी थमाने के कथित कथित मामले ने आमजन के साथ ही अफसरों को हैरान करके रख दिया है।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे कई ग्रामीणों ने डीएम से इसकी शिकायत भी की। कहीं, मामला मीडिया की सुर्खियां न बन जाए, इसके लिए जहां डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू हो गई है। वहीं, विधायक से लेकर, सीडीओ-डीएम तक लगाई गई फरियाद का नतीजा क्या निकलता है? इस पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं।
जानिए क्या हैं आरोप और क्यों सुर्खियों में है कुड़वा । इसी क्रम में बताते चलें कि जनजातीय बिरादरी चेरो बहुल कुड़वा में 193 आवास आवंटित किए गए हैं।इसमें 80 आवासों का निर्माण क्लस्टरके रूप में, शेष का व्यक्तिगत रूप में होने की प्रक्रिया है। 80 आवासों का क्लस्टर के रूप में निर्माण हो चुका है लेकिन इसके निर्माण में भ्रष्टाचार के साथ ही, इसके आवंटन में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे हैं।आवास का पता नहीं, थमा दी गई गृहप्रवेश की चाबी। कुड़वा निवासी कलावती पत्नी हृदयनारायण का आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास के तहत उसके खाते में कुल एक लाख तीस हजार आए थे जिसे प्रधान के खास सफाईकर्मी और वार्ड मेंबर ने उससे आवास का पैसा यह कह कर निकलवा लिया कि उसका आवास सीएम आवास योजना से जुड़े सामूहिक चेरो आवास में बना है।
पीड़िता का दावा है कि गांव में इसको लेकर हुई मिटिंग के दौरान, गृहप्रवेश से जुड़ी प्रतीकात्मक चाबी भी सौंपी गई लेकिन न तो कहीं कोई उसका आवास निर्मित हुआ न ही कोई आवंटन। पीड़िता का आरोप है कि प्रधान और उसके दोनों खास व्यक्तियों ने उसकी धनराशि डकार ली है।
ऐसे ही गुजर गए तीन वर्ष, महज चार फीट तक उठी दिवार, दूसरी शिकायतकर्ता मंटेरिया देवी पत्नी सोहर घसिया का कहना था कि तीन वर्ष पूर्व उसे आवास आवंटित हुआ था। उसके लिए उसके खाते में आए 1.30 लाख भी प्रधान द्वारा स्वयं से आवास बनवाने की बात कहकर निकलवा लिए गए। चार फीट तक मकान निर्माण के बाद चुप्पी साध ली।
बरती देवी पत्नी स्व. कल्पनाथ चेरो ने भी पूरी धनराशि निकलवाकर प्रधान और उनके कथित सहयोगियों द्वारा लेने और चार फीट निर्माण कराकर छोड़ देने का आरोप लगाया गया। वहीं सूबेदार का आरोप था कि उनकी बहू किसमतिया के नाम आवंटित आवास संख्या 16 की धनराशि निकलवाकर ले ली गई निर्माण में घटिया सामग्री प्रयुक्त होने से आवास की दिवार जगह-जगह से फट गई है।
क्लस्टर आवास निर्माण में लाखों के गबन का आरोपः इसके अलावा 60 से अधिक ग्रामीणों ने क्लस्टर आवास निर्माण में धांधली का आरोप लगाते हुए सीडीओ, डीएम, सीएम और पीएम को रजिस्टर्ड डाकके जरिए भेजे गए पत्र में बड़ी धांधली का आरोप लगाया गया है। दावा किया गया है कि अभी आवास में लोगों का निवास शुरू नहीं हुआ, उससे पहले ही दिवारें फटकर, आवास के कई हिस्से गिरहर स्थिति में पहुंच गए हैं।
आरोप है कि घटिया किस्म की सामग्री और निर्माण में मानकों की अनदेखी कर, लाखों के धन की बंदरबांट कर ली गई है। छह ऐसे लाभार्थियों का नाम होने का दावा किया गया है कि उनके नाम से के आई धनराशि निकलवाकर ले ली गई लेकिन सामूहिक आवास की सूची से उनका नाम बाहर कर दिया गया।
उक्त प्रकरण को लेकर प्रधान सुजीत उर्फ बुल्लू यादव से जानकारी चाही गई तो फोन पर उनका कहना था कि किसी के भी आवास का पैसा बंदरबांट नहीं किया गया है। क्लस्टर आवास में जो भी खामियां सामने आई हैं, उसे दुरूस्त कराया जा रहा है। आवास आवंटन होने के बाद भी निर्माण न होने के मसले पर कहा कि कुछ लोगों ने पहली किस्त स्वयं के व्यक्तिगत उपयोग में खर्च कर ली है इसलिए उनका आवास नहीं बन पाया है। बगैर आवास बने, गृहप्रवेश की प्रतीकात्मक चाबी कैसे मिली के सवाल पर कहा कि इसके बारे में जानकारी नहीं है।
शिकायतकर्ताओं में मुख्य रूप से गंगा यादव, विशुन यादव सोहर घसिया, हृदय चेरो, सूबेदार चेरो, बरती, कल्लू चेरो, मटेरिया, कलावती, किस्मतीय, उपस्थित थे।