एजाज़ अहमद ब्यूरो चीफ न्यूज लाईन नेटवर्क भदोही :
जनपद भदोही में सुन्नी मुस्लिम संगठन दो समुदायों में अपने विचारों से प्रभावित है या यूं कहे की विभाजित है
एक समुदाय के द्वारा इस मुकद्दस दिन को जुलूस निकाल कर मस्जिदों को सजाकर अपने घरों में बढ़िया खाना ,फातेहा
कर कराकर और अच्छे कपड़े पहनकर जुलूस में शामिल होते है और लोगों को मीठा पानी पिलाकर सवाब नेकी कमाते है उनके साथ सुन्नी मुस्लिम समुदाय के अग्रहरी रहे मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना हाफिज भी बड़ी संख्या में शामिल होते है और अपने शहर गांव के कस्बों तथा गलियों में घूम घूम कर झूम झूम कर इस जुलूस में नाते कलाम
हम हाज़िर है हम हाज़िर है या रसूलल्लाह के नात पाक के नारे
बड़े जोशो खरोश के साथ
डी. जे की धुन में नात पढ़ते हुए निकलते है जो एक तै स्थान पर इस जूलुस को मुकम्मल करते है तथा अजीमुल्लाह चौराहे पर बने ईदगाह में उनके जानें माने मुस्लिम संत गुरु भी तशरीफ लाते है जिनको इस्लामिक तकरीर सुननी होती है वो उस ईदगाह में जाकर काफी रात तक जश्ने ईद नबी मनाते हुए इस जुलूस में शामिल होते है शरीक होते है
वही पर दूसरे मुस्लिम समुदाय के लोग अपने धर्म गुरु व उनके विचारों से प्रभावित तथा मुस्लिम हदीसों तथा आसमानी किताब कुरान से प्रेरित कर इस बारह रबीओवल के मुबारक दिन को जुलूस में ना जाकर घरों को बिना सजाए आम दिन की तरह अपने घरों मस्जिदों में रहकर अपनी आम दिन की इबादत को बढ़ा देते हैवो जूलुस में शामिल नही होते परंतु नेकियों के लिए उनका अपना नजरिया अलग है की हम इस पैसे को जरूरतमंदों में खर्च कर अपनी इबादत से अपने को थकाएंगे
जबकि इसलाम धर्म ,एकता अखंडता ,और सहनशीलता और अपने हक़ को माफ करने तथा दूसरे के हक को पूरा पूरा देने का उपदेश देता है
अल्लाह की बातें ही सर्वोपरि है
अल्लाह चाहते है की मेरी बात को मानो परंतु तरीका मेरे प्यारे नबी मुहम्मद स० का हो