18 साल के बाद बच्चों को मिलेंगे लाखों रुपये! जानिए कैसे इस सरकारी योजना से बनेगा उनका भविष्य सुरक्षित

सरकार की एनपीएस वात्सल्य योजना का उद्देश्य बच्चों के लिए एक दीर्घकालिक निवेश विकल्प प्रदान करना है, ताकि माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित कर सकें। इस योजना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां हैं, जैसे कौन इस योजना में निवेश कर सकता है, निवेश की न्यूनतम और अधिकतम सीमा, योजना को कौन संचालित करेगा, और 18 साल की उम्र के बाद इस योजना को कैसे जारी रखा जा सकता है। आइए इन सभी पहलुओं को विस्तार से समझते हैं।

एनपीएस वात्सल्य योजना में कौन निवेश कर सकता है?

एनपीएस वात्सल्य योजना (NPS Vatsalya Scheme) में कोई भी भारतीय नागरिक अपने बच्चे के भविष्य के लिए निवेश कर सकता है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य बच्चों के लिए एक संगठित और सुरक्षित निवेश मंच प्रदान करना है, जिससे उनके भविष्य के खर्चों जैसे शिक्षा, शादी, और अन्य आवश्यकताओं के लिए धन जुटाया जा सके। इस योजना में निवेश केवल माता-पिता ही नहीं, बल्कि बच्चे के अभिभावक भी कर सकते हैं।

यह योजना पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा संचालित की जाती है, जो भारत में पेंशन फंड के नियमन और विकास के लिए जिम्मेदार एक सरकारी निकाय है। एनपीएस वात्सल्य एक सुरक्षित और संगठित निवेश विकल्प है, जहां माता-पिता या अभिभावक अपने बच्चों के नाम पर एक अलग अकाउंट खोल सकते हैं।

एनपीएस वात्सल्य योजना के निवेश विकल्प

जब कोई माता-पिता अपने बच्चे के लिए एनपीएस वात्सल्य योजना में निवेश करते हैं, तो उन्हें कई तरह के निवेश विकल्प मिलते हैं। ये सभी विकल्प सरकार द्वारा स्वीकृत होते हैं और उनमें निवेशक की जोखिम सहनशीलता और वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर चुनने की स्वतंत्रता होती है।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट के अनुसार, एनपीएस वात्सल्य में चार प्रमुख निवेश विकल्प होते हैं। इनमें से किसी एक विकल्प को चुनकर माता-पिता अपने बच्चे के नाम पर राशि का निवेश कर सकते हैं। इन निवेश विकल्पों में सरकारी बॉन्ड, इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसी सुविधाएं शामिल हो सकती हैं, जो वित्तीय सुरक्षा और मुनाफे के लिहाज से एक संतुलित रणनीति प्रदान करती हैं।

न्यूनतम और अधिकतम निवेश सीमा

एनपीएस वात्सल्य योजना में न्यूनतम निवेश राशि 1000 रुपये प्रति वर्ष है, जो इसे सभी वर्गों के लोगों के लिए सुलभ बनाती है। यह राशि हर साल अनिवार्य रूप से निवेश करनी होती है ताकि योजना सक्रिय रहे। इसके अलावा, अधिकतम निवेश राशि की कोई सीमा नहीं है, यानी आप अपनी वित्तीय स्थिति और भविष्य की जरूरतों के आधार पर जितनी चाहें उतनी राशि निवेश कर सकते हैं।

इस योजना की खास बात यह है कि माता-पिता के पास इस बात की आजादी है कि वे अपने बजट और वित्तीय योजना के अनुसार कितना निवेश करना चाहते हैं, और उनकी निवेश रणनीति पूरी तरह से लचीली होती है।

पैसे निकालने के नियम

यदि आप एनपीएस वात्सल्य योजना में निवेश किए गए पैसे को निकालना चाहते हैं, तो आपको कम से कम तीन साल तक इंतजार करना होगा। तीन साल बाद आप कुल निवेश राशि का 25% तक निकाल सकते हैं। यह राशि बच्चे की शिक्षा, किसी गंभीर बीमारी के इलाज, या किसी अन्य अनिवार्य खर्च के लिए उपयोग की जा सकती है।

यदि बच्चे को किसी प्रकार की विकलांगता हो जाती है, तो आप 75% तक की राशि निकाल सकते हैं। इन निकासी की सीमाएं यह सुनिश्चित करती हैं कि योजना का उद्देश्य दीर्घकालिक निवेश के रूप में बना रहे और बच्चे की जरूरतों के अनुसार उपयोग किया जा सके।

इस योजना की सबसे बड़ी सुविधा यह है कि जब तक बच्चा 18 साल का नहीं हो जाता, तब तक माता-पिता तीन बार तक आंशिक निकासी कर सकते हैं। इससे बच्चों की शिक्षा और अन्य अनिवार्य खर्चों को पूरा करने के लिए माता-पिता को पर्याप्त लचीलापन मिलता है।

18 साल की उम्र के बाद क्या होगा?

जब बच्चा 18 साल का हो जाता है, तो एनपीएस वात्सल्य योजना से बाहर निकलने का विकल्प भी मिलता है। यदि बच्चे के खाते में 2.5 लाख रुपये या उससे कम राशि है, तो माता-पिता या बच्चा पूरी राशि एक साथ निकाल सकते हैं।

लेकिन अगर खाते में 2.5 लाख रुपये से अधिक की राशि है, तो 20% राशि तुरंत निकाली जा सकती है। शेष 80% राशि से एन्युटी खरीदने का विकल्प होता है। एन्युटी एक प्रकार की वित्तीय योजना होती है, जिसमें नियमित अंतराल पर (जैसे मासिक) एक निश्चित आय प्राप्त होती है। यह आय बच्चे के भविष्य के खर्चों को पूरा करने में सहायक होती है।

योजना को जारी रखने का विकल्प

यदि आप चाहते हैं कि बच्चा 18 साल के बाद भी इस योजना को जारी रखे, तो इसका भी विकल्प उपलब्ध है। एनपीएस वात्सल्य योजना को 18 साल की उम्र के बाद एनपीएस टियर-1 (सभी नागरिक) योजना में बदल दिया जाएगा, जिससे योजना का लाभ दीर्घकालिक बना रहेगा।

18 साल की उम्र के बाद योजना को जारी रखने के लिए, बच्चे के 18 साल पूरे होने के तीन महीने के अंदर एक बार फिर से केवाईसी (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी करनी होगी। केवाईसी प्रक्रिया के बाद योजना पूरी तरह से एनपीएस टियर-1 में परिवर्तित हो जाएगी, और बच्चे के पास इसे लंबे समय तक जारी रखने का विकल्प होगा।

इस तरह, एनपीएस वात्सल्य योजना न केवल बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का एक सशक्त साधन है, बल्कि माता-पिता को वित्तीय लचीलापन भी प्रदान करती है, जिससे वे अपनी आवश्यकता के अनुसार निवेश कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर पैसे निकाल सकते हैं।

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